Bihar: जातीय गणना में नया सियासी मोड़, JDU नेता ने PM मोदी की जाति पर उठाए सवाल

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JDU leader raised questions on PM Modi's caste

बिहार:  बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासत गरमाई हुई है। बिहार सरकार और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। जातीय जनगणना को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट है। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जातीय जनगणना कराने की बात कही थी। अब इसे लेकर बिहार में नया सियासी मोड़ आ गया है। दरअसल, जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर सवाल उठाए है।

हाल ही में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री की जाति के बारे में कहा था कि उनका जन्म जिस जाति में हुआ है उसका नाम मोध घांची है। यदि नरेंद्र मोदी मोढ़ घांची से हैं तो वह न तो सामाजिक रूप से पिछड़े हैं और न ही आर्थिक रूप से। फिर उन्होंने खुद को ओबीसी में कैसे शामिल कर लिया? यह मोढ़ घांची जाति ओबीसी श्रेणी में कैसे आ गई? सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण कब आयोजित किया गया था? क्या था उस सर्वे की रिपोर्ट में? वहीं कांग्रेस नेता शकील ने नीजर कुमार के सवालों को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को जवाब देना होगा, यह प्रधानमंत्री की जाति का मामला है।

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बीजेपी ने दी तीखी प्रतिक्रिया

जेडीयू नेता के इस बयान पर बीजेपी नेता नितिन नवीन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि मैं नीरज कुमार की मानसिक स्थिति को जानता हूं। नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री की जाति पर सवाल उठाने वालों को पहले अपना चेहरा आईने में देखना चाहिए। प्रधानमंत्री देश के सेवक हैं, उन्होंने पूरे देश को अपने साथ जोड़ा है। आपको बता दें कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन बिहार सरकार ने जाति जनगणना रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की आबादी करीब 13 करोड़ है, जिसमें यादव आबादी 14 फीसदी है। इसके अलावा कुशवाह की आबादी 4.2 फीसदी, कुर्मी की 2.8, अनारक्षित वर्ग की 15.52, राजपूत की 3.45, ब्राह्मण की 3.66, भूमिहार की 2.89 और कायस्थ की आबादी 0.60 फीसदी है। जबकि मुस्लिमों की आबादी 17.7 फीसदी है।

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