Bihar News : पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देर-सबेर तेजस्वी यादव को नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी के सवालों का तथ्यात्मक जवाब देना ही होगा। इस मामले में न तो राजनीतिक बयानों से मदद मिलेगी और न ही बार-बार बुलाने पर अनुपस्थित रहकर वे बच सकेंगे।
सुशील मोदी ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि भले ही तेजस्वी यादव को ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए ईडी से कुछ दिनों की राहत मिल जाए या तारीख पर तारीख लेकर कुछ और दिनों के लिए मना लिया जाए, लेकिन उन्हें राज्य की जांच एजेंसियों को बताना होगा। देश कि ये अमित कात्याल कौन है, जिसकी कंपनी ने रेलवे में नौकरी पाने वालों की जमीन खरीदी? उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना होगा कि वे 20 लाख रुपये के मकान डी-1088 के मालिक कैसे बन गये। दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये और रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले राबड़ी देवी को अपनी कीमती जमीन देने वाले हृदयानंद चौधरी कौन हैं?
यह भी पढ़ें-फरीदाबाद में चला रहे थे फर्जी कॉल सेंटर, पुलिस ने 36 को दबोचा
मोदी ने कहा कि तेजस्वी के राजनीतिक बयानों का ईडी की जांच प्रक्रिया और नतीजे पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, लेकिन उसके ताजा समन जारी करने का असर यह है कि तेजस्वी यादव फिर से मुख्यमंत्री पद पर लौट रहे हैं! वह 20 दिनों से नीतीश कुमार के साथ मंच साझा नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई को पुख्ता सबूत दिये थे और यह सब नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ। इन्हीं कागजात के आधार पर सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया और राबड़ी-तेजस्वी समेत कई लोगों को जमानत लेनी पड़ी।
इस आधार पर सीबीआई की ओर से आरोप पत्र दाखिल किये जाने और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से लालू परिवार पर दबाव बढ़ गया है। एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद लिमिटेड, परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)