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बिहारः 'खरमास' गुजरा, फिर चढ़ने लगा सियासी पारा

पटनाः किसी भी शुभ कार्य पर पाबंदी वाले खरमास के गुजर जाने के बाद अब बिहार में अब एक बार फिर सियासी पारा चढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। कई दिग्गज नेताओं के खरमास के बाद विरोधी दलों के टूट के किए गए वादों की भी अब परख होगी। पिछले दिनों कई नेताओं ने एक-दूसरे के संगठन में टूट के दावे किए हैं।

माना जा रहा है कि बिहार में खरमास के बाद लोगों को नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार का भी इंतजार समाप्त होने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा को जिम्मेदार बताया था, वहीं भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए खरमास के समाप्त होने का कारण बताया था। ऐसे में माना जा रहा है कि खरमास के गुजर जाने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार तय है। वैसे, दिग्गज नेताओं के दावों पर भी सबकी नजर है।

राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने जदयू के 17 विधायकों के संपर्क में होने का दावा करते हुए कहा था कि खरमास के बाद जदयू में एक बड़ी टूट होगी। अब जब खरमास समाप्त हो गया है तो जदयू के विधायकों के टूट को लेकर उनके दावों की परीक्षा होगी।

वैसे, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद पर तंज कसते हुए कहा कि राजद के बड़े नेता कह रहे थे कि 14 जनवरी को जदयू के 17 विधायक लेकर महागठबंधन के सरकार बनाएंगें। उन्होंने कहा कि अब पता कीजिए कि वे राजद में हैं कि राजद ने उन्हें निकाल दिया। मांझी के इस बयान के बाद भले ही नेताओं के दावे पूरे नहीं होंगे, लेकिन उनके दावों पर सियासत जरूर होगी। इधर, कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह ने भी कांग्रेस के विधायकों में टूट का दावा किया था। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने भरत सिंह को ही कांग्रेस का नेता मानने से इनकार कर दिया, लेकिन सिंह के दावों पर भी अब प्रश्न उठेंगे।

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इधर, भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी खरमास के बाद राजद में बड़ी टूट होने के सियासी दावे किए हैं। इसके अलावा भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं और प्रवक्ताओं के द्वारा एक दूसरे के संगठन में टूट का दावा लगातार पिछले कुछ दिनों से होता आया है, लेकिन इसमें खरमास के बाधक होने का हवाला दिया जाता रहा है। ऐसे में अब खरमास के समाप्त होने के बाद अब टूट को लेकर किए गए उनके दावों की परख होगी। बहरहाल, खरमास के एक दिन गुजार जाने के बाद नेता अभी इस संबंध में बोलने से परहेज कर रहे हैं।