पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गुरुवार को दिल्ली से लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर होगी। यह देशहित में बहुत अच्छा होगा। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली में डॉक्टर से आंख का चेकअप कराने गये थे। डेढ़-दो साल पहले आंख का ऑपरेशन हुआ था। बीच-बीच में आंखों का चेकअप भी कराना पड़ता है।
मुंबई में होगी बिपक्षी दलों की तीसरी बैठक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम विपक्षी दलों के नेताओं से बात करते रहते हैं। हम किसी नेता से बात करने दिल्ली नहीं गये थे। इसी महीने 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक होगी। हम इस बैठक में शामिल होने के लिए मुंबई जाएंगे।
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जेडीयू को लेकर प्रशांत किशोर के बयान पर कहा कि हम इस पर ध्यान नहीं देते। कौन क्या कहता है, इससे हमें क्या लेना-देना? आप लोगों को तब पता चलेगा जब आप जनता से पूछेंगे। बिहार में आपराधिक घटनाओं से जुड़े सवाल पर नीतीश ने कहा कि बिहार में आपराधिक घटनाएं बहुत कम हैं। आप लोग इस आंकड़े को देखिए। कुछ लोग बिना मतलब ऐसी बातें कहते रहते हैं। उन्होंने मीडिया पर कब्ज़ा कर लिया है। मीडिया में एक तरफा खबरें आती रहती हैं। हमें मीडिया में बोलने की इजाजत नहीं है।
सीएम नीतीश ने अटल बिहारी बाजपेयी दी श्रद्धांजलि
एमपी के सीएम ने कहा कि बुधवार को अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्य तिथि पर हम दिल्ली स्थित उनकी समाधि पर गये और उन्हें श्रद्धांजलि दी। अटल से हमारा पुराना रिश्ता रहा है। वे हमें बहुत मानते थे। हमने संसद में कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। इसके बाद वह पूरे कार्यकाल के लिए देश के प्रधानमंत्री बने। अटल ने देश के लिए बहुत बड़ा काम किया। हम उनके साथ अपने रिश्ते को कभी नहीं भूल सकते।’ जब मैंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस समारोह में वे पटना आये थे।
मुख्यमंत्री (Nitish Kumar) ने कहा कि एनडीए का गठन अटल बिहारी के समय ही हुआ था। उस वक्त हमारी पार्टी एनडीए में थी। वर्ष 1996 में हम साथ आये थे लेकिन उस समय नामकरण नहीं हुआ था। साल 1999 में एनडीए का नाम रखा गया। पहले एनडीए की बैठकें होती रहती थीं लेकिन यहां एनडीए की कोई बैठक नहीं होती थी। जब हम साथ थे तब भी मुलाकात नहीं हुई। अब जब विपक्षी गठबंधन ‘भारत’ बन चुका है तो उन्होंने एनडीए की बैठकें भी करनी शुरू कर दी हैं। पहले ये लोग एनडीए की बैठक नहीं करते थे। हमने विपक्षी एकता की शुरुआत पटना से की। विपक्षी दलों की दो बैठकों के बाद वे परेशान हो गए हैं।
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