पटनाः बिहार मानसून की मेहरबानी से तीन दिन से पानी-पानी हो गया है। राज्य के 11 जिलों में शनिवार को जोरदार बारिश के आसार हैं। मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान में 5 जुलाई तक अलग-अलग जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है। प्रदेश की अधिकतर नदियां उफान पर हैं। कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्से में 40 एमएम से अधिक और दक्षिण हिस्से में तीन से 30 एमएम तक बारिश हुई है।
सुपौल के वसुआ में कोसी नदी और अररिया में परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 118 सेंटी मीटर ऊपर है। गोपालगंज के डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर है। किशनगंज में महानंदा खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर है। पूर्णिया में जलस्तर 87 सेंटीमीटर और कटिहार के झावा में 104 सेंटीमीटर ऊपर है। मुजफ्फरपुर के रुन्नी में बागमती नदी का जलस्तर 85 सेंटीमीटर और बेनीबाद में 70 सेंटीमीटर ऊपर है। मधुबनी के झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
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मौसम विज्ञान विभाग ने बिहार के सभी जिलों में बारिश होने के साथ वज्रपात (आकाशीय बिजली) की आशंका जताई है। लोगों को बेवजह घर से बाहर न जाने की सलाह दी गई है। साथ ही पक्के मकानों में शरण लेने को कहा गया है। सरकारी आंकड़ों में वज्रपात से पिछले तीन दिन में 26 लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रत्येक परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। गैरसरकारी आंकड़ों के मुताबिक 72 घंटे में वज्रपात से 37 लोगों की मौत हो चुकी है।
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