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जम्मू-कश्मीर के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला, इन नेताओं का नाम आया सामने

Central Bureau of Investigation (CBI) team visit the accused houses and questioned the family members of the four accused in the Hathras gang-rape case, i

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में 25 हजार करोड़ के जमीन घोटाले में कई पार्टियों के नेताओं के नाम सामने आने से हड़कंप मच गया है। ये घोटाला जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। सीबीआई की कार्यवाई में इस घोटाले का खुलासा हुआ है। जिन राजनेताओं के नाम इस घोटाले में सामने आए हैं उनमें हसीब दराबू, केके अमला और मोहम्मद शफी पंडित शामिल हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर बैंक के चेयरमैन रह चुके हसीब दराबू पीडीपी के बड़े नेता माने जाते हैं और वह जम्मू-कश्मीर राज्य के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं केके अमला कांग्रेस के बड़े नेता है और श्रीनगर में उनका काफी नामचीन होटल भी है

मिली जानकारी के मुताबिक 1999 के पहले जो सरकारी जमीन थी उसे गरीब तमगे के लोगों को विधिपूर्वक जमीन उपलब्ध कराने के लिए रोशनी एक्ट बनाया गया था। इसका दूसरा उपयोग पॉवर प्रोजेक्ट के लिए पैसा इकट्ठा करना था ताकि उसे जम्मू-कश्मीर के पॉवर प्रोजेक्ट में लगाया जा सके। 2001 में इसे बनाया गया था। लेकिन इसमें समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा। समय-समय पर राज्य में सरकारें बदलती रहीं और लगातार राजनेताओं को फायदा उठाने का मौका दिया जाता रहा।

इतना ही नहीं रोशनी घोटालें में कई बिजनेसमैन और अफसरशाह भी लिप्त पाए गए हैं। राज्य के उपराज्यपाल एलजी मनोज सिन्हा ने साफ-साफ कहा था कि सभी से जमीन वापस ली जाएगी। यही वजह है कि अब ये कदम उठाए जा रहे हैं। इन लोगों ने सरकारी जमीन को अपने नाम तो किया ही साथ ही साथ अपने रिश्तेदारों को भी दिलवाई।

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इस घोटाले से जुड़े पहले मामले में पाया गया कि जम्मू में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर रोशनी अधिनियम और संबंधित नियमों की अनदेखी करके अनुचित लाभ उठाया, कुछ अवांछनीय व्यक्तियों को मालिकाना हक दिया और इसलिए सरकारी खजाने को भारी मौद्रिक नुकसान हुआ। अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद इन लोगों से जमीन वापस ली जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि राज्य में होने वाले डीडीसी चुनावों के दौरान यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।