Kriti Verma: ED के निशाने पर एक और एक्ट्रेस, 263 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसी

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नई दिल्लीः इनकम टैक्स अफसर की जॉब छोड़ टेलीविजन पर्सनालिटी बनीं कीर्ति वर्मा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर है। कृति पर 263 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जालसाजी का आरोप है। वह धोखाधड़ी से टीडीएस जारी करने से जुड़े एक मामले में कथित रुप से अपराध की आय हासिल करने का आरोप लगा है। इसलिए ED की जांच के दायरे में हैं।

बता दें कि कीर्ति वर्मा ‘रोडीज’ और ‘बिग बॉस सीजन 12’ जैसे शो में नजर आ चुकी है। कीर्ति पर उन आरोपियों में से एक के साथ गहरा संबंध होने का आरोप लगाया गया है, जिन्होंने अवैध रूप से टैक्स रिफंड प्राप्त किया था। ED द्वारा कीर्ति वर्मा को कई बार जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था।

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दरअसल ED को पता चला है कि “कीर्ति ने गुरुग्राम में जो प्रॉपर्टी बेची है, वह 2021 में अपराध की आय से 1।02 करोड़ रुपये में अधिग्रहित किया गया था। उसने अपने बैंक खाते में इस सम्पत्ति को बेचने से मिले पैसे हासिल किए थे।” ED ने जनवरी में जमीन, फ्लैट, लग्जरी कारों समेत 69 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क की थी। ED द्वारा कुर्क की गई संपत्ति कीर्ति व अन्य आरोपी राजेश शेट्टी, भूषण अनंत पाटिल और सारिका शेट्टी के नाम पर खरीदी गई थी।

ED का मामला आयकर विभाग में कार्यरत एक वरिष्ठ कर सहायक तानाजी मंडल अधिकारी और पनवेल के एक व्यवसायी भूषण अनंत पाटिल के खिलाफ दर्ज सीबीआई प्राथमिकी पर आधारित है। सीबीआई का मामला आरोपी द्वारा फर्जी तरीके से टैक्स रिफंड जारी करने से संबंधित है। सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपी ने 2007 से 2009 तक अवैध रूप से आई-टी रिफंड प्राप्त किया।

यह आरोप लगाया गया था कि अधिकारी, एक वरिष्ठ कर सहायक के रूप में काम करते हुए, अपने पर्यवेक्षी अधिकारियों के आरएसए टोकन और लॉगिन क्रेडेंशियल्स तक पहुंच रखते थे। उसने कथित तौर पर अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है। आरोपी ने धोखे से 263 करोड़ रुपये से अधिक का टीडीएस रिफंड जेनरेट किया और उसे विभिन्न बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया, जिसमें भूषण अनंत पाटिल के स्वामित्व वाली कंपनी SB एंटरप्राइजेज का अकाउंट भी शामिल है।

सीबीआई ने पीसी अधिनियम की धारा 7 और 13(2) सहपठित 13(1)(ए) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए अधिकारी, पाटिल, राजेश शांताराम शेट्टी और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया। ED ने पाया कि 15 नवंबर, 2019 से 4 नवंबर, 2020 की अवधि के दौरान, अधिकारी द्वारा 263,95,31,870 रुपये के 12 बोगस टीडीएस रिफंड उत्पन्न किए गए और धोखाधड़ी से एसबी एंटरप्राइजेज के खाते में जमा कर दिए गए।

“अपराध की इन आय को बाद में भूषण अनंत पाटिल और अन्य संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं और शेल कंपनियों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। कीर्ति वर्मा ने गुरुग्राम में एक संपत्ति बेची थी जिसे 2021 में अपराध की आय से अधिग्रहित किया गया था। ED के एक अधिकारी कहा, “1।02 करोड़ रु। तलाशी अभियान चलाए गए और पूरी बिक्री उनके बैंक खाते में पाई गई, जिसे फ्रीज कर दिया गया था।”

ED ने पहले लोनावाला, खंडाला, कर्जत, पुणे और उडुपी इलाकों में जमीन के रूप में अचल संपत्ति, पनवेल और मुंबई इलाकों में फ्लैट और अपराध की आय से अर्जित तीन लग्जरी कारों के रूप में चल संपत्ति कुर्क की थी। इन संपत्तियों की पहचान पर, पीएमएलए के तहत एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था, जिसमें कुल 69,65,99,720 रुपये की 32 संपत्तियों को कुर्क किया गया था। इस तरह इस मामले में कुल अपराध राशि 263 करोड़ रुपये में से अब तक 166 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क की जा चुकी है।

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