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मानहानि मामले में रजत शर्मा को बड़ी राहत, High Court ने कांग्रेस नेताओं को दिए ये निर्देश

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नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने पत्रकार रजत शर्मा (Journalist Rajat Sharma) को मानहानि (Defamation) के मुकदमे में अंतरिम राहत देते हुए कांग्रेस नेता रागिनी नायक, पवन खेड़ा और जयराम रमेश (Congress leaders Ragini Nayak, Pawan Khera and Jairam Ramesh) को उन एक्स पोस्ट (ट्वीट) को हटाने का निर्देश दिया, जिसमें आरोप है कि रजत शर्मा ने ऑन एयर रागिनी नायक के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।

कोर्ट ने कहा- यह पूरी तरह से गलत

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा (Justice Neena Bansal Krishna) ने उल्लेख किया कि तीनों कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक संपादित वीडियो (Edited Video) पोस्ट किया था, जबकि उन्होंने दावा किया था कि यह इंडिया टीवी समाचार चैनल (India Tv news channel) पर मतगणना के दिन आयोजित बहस का ‘रॉ फुटेज’ था। साथ ही, अदालत ने यह भी माना कि रजत शर्मा को दोषी दिखाने वाले ये एक्स पोस्ट कुछ और नहीं बल्कि अति-सनसनीखेज तरीके से तथ्यों का चित्रण है, जो स्पष्ट रूप से गलत है।

अदालत ने कहा कि यदि मामले के फैसले तक सामग्री (वीडियो और एक्स पोस्ट/ट्वीट) को सार्वजनिक डोमेन में आने से रोका जाता है, तो प्रतिवादियों को कोई नुकसान नहीं होगा, जबकि इन ट्वीट्स से भविष्य में वादी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचने की संभावना है, और उनकी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की भरपाई व्यावहारिक रूप से नहीं की जा सकेगी।

अदालत ने कहा, ‘इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन घटना के बारे में सच्चाई को उजागर करना भी उनका कर्तव्य है। वादी को दोषी ठहराने वाले एक्स पोस्ट तथ्यों का अत्यधिक सनसनीखेज चित्रण और स्पष्ट रूप से गलत चित्रण के अलावा और कुछ नहीं हैं।’

जस्टिस बंसल ने यह भी निर्देश दिया कि जिन एक्स पोस्ट या ट्वीट को अभी तक हटाया नहीं गया है, उन्हें मध्यस्थ दिशानिर्देशों के अनुसार सात दिनों के भीतर हटा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने निर्देश दिया कि जो वीडियो पब्लिक डोमेन में हैं, उन्हें गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निजी बनाया जाना चाहिए और उन्हें कोर्ट के आदेश के बिना पब्लिक डोमेन में नहीं डाला जाना चाहिए।

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में चलाए गए टीवी डिबेट के फुटेज से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि रजत शर्मा ने केवल कुछ सेकंड के लिए हस्तक्षेप किया था और रागिनी नायक के खिलाफ किसी भी तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया था।

यह विवाद तब पैदा हुआ जब कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने शर्मा पर 2024 के लोकसभा चुनावों की मतगणना के दिन 4 जून को शो में एक बहस के दौरान राष्ट्रीय टेलीविजन पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया था कि रजत शर्मा ने लाइव टेलीकास्ट के दौरान उनके लिए अपशब्द कहे थे। आरोप लगाते हुए रागिनी नायक भावुक भी हो गईं। इस मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने भी रागिनी का समर्थन किया और वीडियो क्लिप शेयर की जिसमें रजत शर्मा कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं।

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