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ईडी का बड़ा खुलासा, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में लिप्त थे वायु सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में आरोपित क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया है। साथ ही यह भी खुलासा किया कि इस घोटाले में भारतीय वायु सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी लिप्त थे।

ईडी ने कहा कि ब्रिटिश कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से खरीदे गए कई हेलीकॉप्टर बेकार पड़े हुए थे, क्योंकि वे लद्दाख जैसी ऊंचाई में नहीं उड़ सकते थे। इसके बावजूद अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से खरीदारी करने के लिए हेलीकॉप्टर की विशेषज्ञता की शर्तों में बदलाव किया गया। ऐसा करके देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया गया। ईडी ने कहा कि मिशेल के जरिये अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी की ओर से कई प्रभावशाली व्यक्तियों को रिश्वत दी गई ताकि हेलीकॉप्टर की डील हो सके।

ईडी और सीबीआई दोनों की ओर से दर्ज मामलों में मिशेल ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है। पिछले 20 जनवरी को हाईकोर्ट ने मिशेल की सीबीआई से जुड़े केस में दाखिल जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई के वकील डीपी सिंह से पूछा था कि आप ये बताएं कि मिशेल को जमानत किन शर्तों पर दी जा सकती है। इस पर डीपी सिंह ने कहा था कि मिशेल ने दो बार संयुक्त अरब अमीरात भागने की कोशिश की। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से ब्रिटिश सरकार मिशेल की मदद कर रही है, उसे देखते हुए उसके भागने की आशंका है।

वकील डीपी सिंह ने मिशेल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने के जस्टिस मुक्ता गुप्ता के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मिशेल के भागने की संभावना है और उसकी समाज में जड़ें नहीं है। सीबीआई ने 12 जनवरी को मिशेल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। सुनवाई के दौरान डीपी सिंह ने कहा था कि मिशेल ने एक बिचौलिये का काम किया। उसने इस घोटाले में कुछ करारों के लिए पैसे लिए। वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने इटली की एक कोर्ट में मिशेल के बयान का जिक्र किया था, जिसमें मिशेल ने कहा था कि उसने झूठे करारों पर अगस्ता वेस्टलैंड के आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर हस्ताक्षर किए थे।

कोर्ट ने 19 जुलाई 2021 को मिशेल की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान जोसेफ ने कहा था कि इस मामले के सभी आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। मिशेल 4 दिसंबर, 2018 से हिरासत में है। उन्होंने कहा था कि आरोपित के खिलाफ मनी लांड्रिंग वाले आरोप कानून में संशोधन के बाद लगाए गए हैं, इसलिए ये उसके खिलाफ लागू नहीं होते।

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 18 जून, 2021 को मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ईडी ने मिशेल को जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया था। मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था। 23 अक्टूबर, 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में 13 को आरोपित बनाया गया है। 19 सितंबर, 2020 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।

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चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंट इंटरनेशनल के डायरेक्टर जी सापोनारो और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 को आरोपित बनाया गया है। इस चार्जशीट में पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को आरोपित नहीं बनाया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अभी सीबीआई को कोई स्वीकृति नहीं मिली है।

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