भोपाल: हाईकोर्ट के एक आदेश के विरोध में भोपाल संभाग के वकीलों की पांच दिवसीय हड़ताल बुधवार से शुरू हुई। इस हड़ताल के चलते पूरे संभाग में अदालती कामकाज प्रभावित हुआ और अभिभाषक संघ के अनुसार करीब 14 हजार केसों की सुनवाई नहीं हो सकी।
जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष पीसी कोठारी का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा की अदालतों के वकील पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं। बुधवार को हड़ताल का पहला दिन था। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वकील 26 फरवरी तक हड़ताल पर रहेंगे। कोठारी ने दावा किया कि हड़ताल के कारण संभाग में करीब 14 हजार केसों की सुनवाई नहीं हो सकी। हड़ताल की जानकारी नहीं होने की वजह से कई पक्षकार उनके परिजन कोर्ट पहुंचे, जिन्हें बिना सुनवाई के वापस लौटना पड़ा।
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जिला अभिभाषक संघ के अनुसार दिसंबर 2022 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने 25-25 पुराने प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए मध्यप्रदेश की समस्त न्यायालयों के लिए आदेश पारित किया था। इसके कारण वकीलों के साथ पक्षकारों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जजों पर पुराने केसों के त्वरित निराकरण का दबाव है, जिसके चलते जज नए प्रकरणों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं और नए प्रकरणों की लंबी-लंबी तारीखें लगा दी जा रही है। जब इस संबंध में वकील सुनवाई का निवेदन करते हैं तो कोर्ट द्वारा यह दर्शाया जाता है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के कारण उन्हें तो सिर्फ 25-25 प्रकरणों का ही शीर्ष निराकरण करना है। पीसी कोठारी ने बताया कि इस आदेश को वापस लेने के लिए अभिभाषण संघ की तरफ से पूर्व में भी मांग की गई थी, लेकिन आदेश वापस नहीं लिया गया। इसी के विरोध में संघ ने अदालतीय कार्य से अलग होने का फैसला लिया है।
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