सुधीर श्रीवास्तव
सुल्तानपुरः लोग अपने पूर्वजों की हर उस चीज को संभालकर रखते हैं जिनसे उनकी यादें जुड़ी हो, लेकिन वर्तमान समय में राजनीतिक कलुषता इतनी बढ़ गई है कि लोग अपना नाम आगे करने के लिए उन लोगों का नाम भी मिटा दे रहे हैं, जिन्होंने देश की बुनियाद रखी है।
ऐसा ही एक मामला सुल्तानपुर से सामने आया है, जहां सन 2008 में तत्कालीन महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश सरकार ज्योतीन्द्र मिश्रा ने अधिवक्ता दिवस पर भारत रत्न व देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम का पत्थर सिविल कोर्ट पश्चिमी-दक्षिणी कोने से गोमती तट तक जाने वाले मार्ग पर लगवाया था। इसके लगने से क्षेत्र के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे, लेकिन वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष के एक कृत्य ने लोगों में उबाल ला दिया है। दरअसल, इस मार्ग पर अब नया पत्थर चेयरमैन बबिता जायसवाल के नाम पर लगा दिया गया है और पूर्व राष्ट्रपति के नाम का पत्थर हटा दिया गया है।
सिविल लाइन्स वार्ड की सभासद मंजू सिंह के पति रमेश सिंह टिन्नू व लाल डिग्गी वार्ड के सभासद अमोल बाजपेई ने बताया कि उन्हें पू्र्व राष्ट्रपति के नाम का पत्थर कूड़े के ढेर में पड़ा मिला, जिसे उन्होंने साफ करके नए पत्थर के ऊपर रख दिया है। बता दें कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के नाम के पत्थर का उद्घाटन तत्कालीन महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश सरकार ज्योतीन्द्र मिश्रा द्वारा किया गया था। इस पत्थर पर तत्कालीन बार अध्यक्ष करुणा शंकर द्विवेदी का भी नाम लिखा है।
इस पर रमेश सिंह टिन्नू और सभासद अमोल बाजपेई ने कहा कि ये हमारे महापुरुष का घोर अपमान है। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी चेयरमैन व ईओ की है। प्रशासन के आला अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करनी चाहिए। नये लगाए गए पत्थर पर मार्ग का नाम न लिखा जाना प्रमाणित करता है कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का नाम मिटाने का कुत्सित प्रयास किया गया है, जो असहनीय है।
अधिवक्ताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी
2008 में अधिवक्ता दिवस पर भारत रत्न व देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सम्मान देने के लिए सिविल कोर्ट पश्चिमी-दक्षिणी कोने से गोमती तट तक जाने वाले मार्ग का नाम उन्हें सम्मान देने के लिए रखा गया था, लेकिन नगर पालिका द्वारा उनके नाम के पत्थर को हटाया जाना निंदनीय है। बार एसोसिएशन की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि यदि तीन दिन के भीतर नगर पालिका द्वारा उसे पूर्ववत नहीं किया गया, तो अधिवक्ता वृहद आंदोलन करेंगे।
करुणा शंकर द्विवेदी
पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष