कोलकाताः पश्चिम बंगाल में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) पर विशेष अदालत के हालिया आदेश से प्रेरित होकर, सीबीआई ने रिश्वत देकर नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। कोर्ट ने मुर्शिदाबाद जिले के चार प्राथमिक टीचरों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
पिछले ढाई दिनों के भीतर, केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल के दो जिलों के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत 37 प्राथमिक शिक्षकों को तलब किया है, जिन्होंने कथित तौर पर पैसे के लिए नौकरी हासिल की थी। सोमवार और मंगलवार को बांकुड़ा जिले के सात प्राथमिक शिक्षकों से लगातार पूछताछ के बाद अब केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने कूच बिहार जिले के 30 शिक्षकों को इस संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया है।
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एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि उन सभी को उनके शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र, पहचान और पते के प्रमाण, शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रवेश पत्र और उनके नियुक्ति पत्रों की प्रतियों जैसे सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ गुरुवार को मध्य कोलकाता में सीबीआई के निज़ाम पैलेस कार्यालय में लाया जाना था। उन्हें दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा गया था। कूच बिहार के सभी 30 प्राथमिक शिक्षक 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में शामिल हुए। नियुक्ति मिलने के बाद उन्हें अपने मूल जिलों के स्कूल में पोस्टिंग मिली।
सीबीआई के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, “इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि भ्रष्टाचार के ‘आपूर्ति’ पक्ष के लोगों के खिलाफ पूछताछ और कार्रवाई से अधिक प्रभावशाली लोगों का पता चलेगा जो भ्रष्टाचार के ‘मांग’ पक्ष में हैं।” दरअसल, इस हफ्ते की शुरुआत में मुर्शिदाबाद के चार प्राथमिक शिक्षकों को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश अर्पण चट्टोपाध्याय ने कहा था कि ये वेतनभोगी शिक्षक ही ऐसे सभी भ्रष्टाचार की जड़ हैं।
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