ममता राज में झुलसता बंगाल, सुधांशु त्रिवेदी ने बताया चुनावी इतिहास का काला अध्याय

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नई दिल्ली: बीजेपी ने पंचायत चुनाव को लेकर हुई हिंसा के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उनके संरक्षण में राज्य में हिंसा हो रही है। जनता टीएमसी को उसी तरह सबक सिखाएगी, जैसे कम्युनिस्ट पार्टियों को पढ़ाया था। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले की 25 से 30 घटनाओं की सूची होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस जिस तरह का बर्ताव कर रही है, वह भारत के लोकतांत्रिक और चुनावी इतिहास का बेहद काला अध्याय है।

 सुधांशु ने संघर्ष के दिनों की दिलाई याद

उन्होंने राज्य चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि नामांकन के अंतिम दिन पश्चिम बंगाल के 341 प्रखंडों में 40 हजार से अधिक टीएमसी नेताओं ने नामांकन दाखिल किया। इसके अलावा वाम दलों, कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भी नामांकन दाखिल किया। यानी एक व्यक्ति के नामांकन की जांच में औसतन 2 मिनट का समय लगा। जबकि दो मिनट में नामांकन पत्रों की जांच संभव नहीं है। इस गति से किए गए नामांकन बताते हैं कि टीएमसी सरकार ने किस तरह व्यवस्था को अपने हाथों में ले लिया है। त्रिवेदी ने ममता बनर्जी को उनके संघर्ष की याद दिलाई और कहा कि उन्होंने कम्युनिस्ट सरकार की हिंसा के खिलाफ खुद लड़ाई लड़ी थी और उस समय बीजेपी ने उनका समर्थन किया था। आज ममता बनर्जी सरकार एक दमनकारी सरकार बन गई है। लेकिन, लोकतंत्र में जनता मालिक होती है। जनता ने कम्युनिस्ट सरकार को भी सबक सिखाया था और टीएमसी को भी जनता सबक सिखाएगी।

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आज बंगाल की माटी खून से सनी हुई है

सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीय स्तर पर ममता बनर्जी के साथ खड़े होने और मोदी सरकार पर लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाने पर भी विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि हिंसा से आहत लोकतंत्र का स्वरूप आज पश्चिम बंगाल में दिख रहा है, ममता बनर्जी जो ‘मां, माटी, मानुस’ की बात करती थीं, आज उनके दौर में बंगाल में भारत माता के खिलाफ ताकतें उठ रही हैं। माटी खून से सनी हुई है और मानवता पूरी तरह से व्यथित और कलंकित नजर आ रही है। क्या इन विपक्षी दलों को यह स्थिति देखकर भी लोकतंत्र को लेकर कोई समस्या नजर नहीं आ रही है?

पंचायत चुनाव के दौरान हो रही हिंसा की निंदा करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य चुनाव आयोग दोनों से अपने संवैधानिक दायित्वों को नैतिक रूप से पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि नफरत, हिंसा और जानलेवा हमलों के बावजूद 50 हजार से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंचायत चुनाव में अपना नामांकन किया है. तमाम जुल्म और ज्यादतियां सहते हुए भी भाजपा कार्यकर्ता लोकतंत्र की लड़ाई के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

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