कोलकाता: सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से वैधानिक मंजूरी ले ली गई है. इस वैधानिक मंजूरी के बारे में बताते हुए केंद्रीय एजेंसी के एक कानूनी सहयोगी ने कहा कि चूंकि पार्थ चटर्जी एक निर्वाचित विधायक हैं और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य भी थे, जब उन्हें पिछले साल जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। उन पर मुकदमा चलाने के लिए राज्य विधानसभा के अध्यक्ष या सीधे राज्यपाल से वैधानिक मंजूरी की आवश्यकता थी।
इसलिए केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI ने राज्यपाल से वैधानिक मंजूरी ले ली है। हालाँकि चटर्जी के खिलाफ कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत में मुकदमा पहले से ही चल रहा है और उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया गया है, मुकदमे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और अंतिम रूप देने के लिए राज्यपाल से वैधानिक मंजूरी मांगी गई है। अनुमोदन आवश्यक था। बता दें कि ईडी ने पार्थ चटर्ची को 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। वहीं उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी का आवास से भारी मात्रा में सोना व नकदी बरामद किया था। दोनों की संपत्ति केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने कुर्क की थी।
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दरअसल, पश्चिम बंगाल के स्पीकर बिमान ने पहले केंद्रीय एजेंसियों पर मंत्री व सदन के सदस्य के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए उनकी इजाजत नहीं लेने का आरोप लगाया था। इसलिए इस संबंध में जटिलताओं को खत्म करने के लिए अब सीबीआई ने सीधे राज्यपाल से वैधानिक मंजूरी ले ली है। मंजूरी मिलने से उम्मीद है कि केंद्रीय एजेंसियां जल्द ही चटर्जी के खिलाफ अंतिम आरोप पत्र जारी कर सकती हैं।
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