Bengal: संदेशखाली में पिछले काफी समय से विवाद देखने को मिल रहा है। अब इसी बीच एक और बड़ी खबर संदेशखाली को लेकर आ रही है। बता दें कि यहां पर एक आईपीएस ऑफिसर को कथित तौर पर खालिस्तानी कहे जाने वाले वीडियो को आधार बनाकर जहां सिख समुदाय कोलकाता में लगातार भाजपा कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं भाजपा ने पश्चिम बंगाल पुलिस का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें एक सिख युवक की पगड़ी उतार कर पुलिस की टीम घसीटते हुए ले जा रही है।
शुभेंदु अधिकारी ने वीडियो जारी कर साधा निशाना
भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो के जरिए पूछा है कि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने आज तक माफी क्यों नहीं मांगी और जो समुदाय आज आहत महसूस कर रहा है वह तब कहां था? भाजपा ने जो वीडियो जारी किया है, उसमें बंगाल पुलिस बलविंदर सिंह नामक एक सिख युवक के साथ बल प्रयोग करती नजर आ रही है।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस वीडियो को एक्स पर पोस्ट करके तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी को सिखों के अपमान के मामले में कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। उनका आरोप है कि, बंगाल पुलिस ने अभी तक बलविंदर सिंह से माफी नहीं मांगी है और न ही न्याय दिलाने के लिए कोई कदम उठाया है।
शुभेंदु अधिकारी ने अपने पोस्ट में लिखा कि, ‘2020 में कोलकाता में भाजपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान बंगाल पुलिस ने बलविंदर सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया। पहले उनकी पगड़ी उतारी और फिर उनको बाल पकड़कर घसीटा। बंगाल पुलिस ने अभी तक बलविंदर सिंह से माफी नहीं मांगी है और उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया।’
संदेशखाली मामले से ध्यान भटकाने की साजिश
उन्होंने लिखा कि, ‘ममता बनर्जी के निर्देशों के बाद एक ऐसा माहौल पैदा करने की कोशिश की गई ताकि इससे संदेशखाली से ध्यान भटकाने में मदद मिले और यह एक रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया गया।’ इसके अलावा उन्होंने अपने पोस्ट में भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें सिरसा ने बताया कि, उन्होंने बलविंदर सिंह की पत्नी और बच्चों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि न्याय होगा और बलविंदर सिंह बेकसूर हैं। मैंने मुख्यमंत्री से भी कहा कि ऐसी ज्यादती मत करो।
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उधर ममता बनर्जी की पुलिस द्वारा सिखों के अपमान करने के मामले को लेकर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया एक्स पर बड़ा दावा किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में बताया कि ‘पश्चिम बंगाल में सिख के अपमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाला शख्स दक्षिण कोलकाता जिले के तृणमूल युवा कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष है। वह खुद सिख समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता है और ना ही सिख धर्म का पालन करता है।’
अमित मालवीय ने आगे लिखा कि, ‘ममता बनर्जी संदेशखाली में हिंदू महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म और अत्याचार से ध्यान भटकाने के लिए सिखों को भड़काने की कोशिश कर रही हैं, सिखों को उनकी साजिशों में उनकी बातों में नहीं आना चाहिए।’
आपको बता दें कि साल 2020 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें साफ दिख रहा था कि, कोलकाता में बीजेपी की एक रैली के दौरान बंगाल पुलिस ने बलविंदर सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया था। इस दौरान पुलिस ने सड़क किनारे खड़े बलविंदर सिंह की खींचकर पहले पगड़ी उतारी और फिर बालों से घसीटकर अपने साथ ले गई। यह वीडियो भाजपा के कई नेताओं ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर भी किया था और ममता सरकार पर सिखों की धार्मिक भावनाओं का ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था।
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