कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस (Anand Bose) ने शनिवार को राज्य में चल रहे पंचायत चुनावों के बीच व्यापक हिंसा की निंदा की। राज्यपाल ने कहा कि घटनाएं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक धब्बा हैं। शनिवार सुबह मतदान शुरू होने के साथ ही राज्यपाल ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उत्तर 24 परगना जिले के कदम्बगाछी में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, “सुबह से मुझे झड़पों व हिंसा की कई घटनाओं की सूचना मिली है।
राज्यपाल ने कहा चुनाव के दौरान गोलीबारी व खून-खराबा हुआ है। मैं बाद में और अधिक अपडेट प्रदान करूंगा। जो कुछ भी हो रहा है वह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक धब्बा है, जहां आम लोग बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। “लेकिन मैं अब भी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे बाहर आएं व अपने अधिकारों का प्रयोग करें।” मतदान शुरू होने के बाद से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। चुनावी हिंसा में मुर्शिदाबाद व पूर्वी बर्दवान जिलों में 2-2 तथा नादिया, कूच बिहार और मालदा से एक-एक लोगों के मरने की सूचना है। गत 8 जून को मतदान की तारीख घोषित होने के बाद से शनिवार तक मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
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हिंसा को लेकर भाजपा ने कही ये बात
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के लिए ममता बनर्जी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार चुनाव जीतने के लिए न सिर्फ सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। बल्कि हिंसा के जरिए चुनाव को प्रभावित कर रही है।
उन्होंने लोकतंत्र की बात करने वाले अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव को लोकतंत्र की धड़कन माना जाता है, लेकिन बंगाल में कुछ वैसा ही हो रहा है, जैसा 90 के दशक में बिहार में होता था। लोकतंत्र के इस उत्सव को रक्तरंजित बनाने के लिए बंगाल सरकार द्वारा किए गए सभी कृत्य एक के बाद एक संवैधानिक दस्तावेजों के माध्यम से उजागर हो रहे हैं। कोर्ट ने भी उसे बेनकाब कर दिया और उसकी मन:स्थिति सामने आ गई।
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