कोलकाताः भाजपा के वरिष्ठ विधायक और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) शनिवार को पंचायत चुनाव के मतदान के दिन अपने विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में अपने मतदान केंद्र की सीमा से बाहर नहीं जा सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक दिन पहले ही जिला पुलिस के माध्यम से पत्र देकर यह प्रतिबंध लगाया था।
इसके खिलाफ अधिकारी ने शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ में हुई। न्यायमूर्ति सिन्हा ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग द्वारा जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं वे लागू रहेंगे। शुभेंदु अधिकारी अपने मतदान केंद्र के दायरे में ही रह सकेंगे।
शुभेंदु के खिलाफ जारी की गई थी नोटिस
गौरतलब है कि एक दिन पहले कांथी थाना प्रभारी ने शुभेंदु (Shubhendu Adhikari) को एक नोटिस थमाया था जिसमें चुनाव आयोग की निर्देशिका लिखी हुई थी। इसमें शुभेंदु अधिकारी को नंदीग्राम में उनके आवासीय क्षेत्र के उस मतदान केंद्र पर ही रहने को कहा गया जहां उनका नाम है। वह सिर्फ वोट देने जा सकेंगे। इसके अलावा उनके साथ रहने वाले केंद्रीय बल के जवान भी मतदान केंद्र के अंदर नहीं जा सकेंगे। यह नोटिस मिलने के बाद उन्होंने शुक्रवार को इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे जज ने खारिज कर दिया है।
पंचायत चुनाव हिंसा में अब तक 18 लोगों की गई जान
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव से पहले हिंसा जारी है। वहीं शुक्रवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय कांग्रेस नेता अरबिंदो मंडल की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी।
दरअसल पंचायत चुनाव कार्यक्रम 8 जून को जारी होने के बाद से पिछले 29 दिन में इस ताजा मौत से चुनाव पूर्व मौतों की कुल संख्या 18 हो गई है, जिनमें से चार अकेले मुर्शिदाबाद जिले से बताई गई हैं। फिलहाल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सशस्त्र बलों को 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के नतीजे 11 जुलाई को घोषित होने के बाद 10 दिनों के लिए पश्चिम बंगाल में तैनात रहने का निर्देश दिया।
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