बेगूसरायः बिहार के बेगूसराय में शराब कारोबार पर काबू पाने के लिए छापेमारी करने गई उत्पाद विभाग की पुलिस पर शनिवार की रात आक्रोशित लोगों ने हमला कर दिया। इस हमला में विभाग की दो गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है, जबकि कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने हिरासत में लिए गए युवक को छुड़ा लिया। घटना नावकोठी थाना क्षेत्र के पहसारा पूर्वी पंचायत स्थित पीरनगर गम्हरिया गांव की है। घटना के संबंध में बताया जा रहा है सूचना के आधार पर सादी वर्दी में पहुंची उत्पाद विभाग की टीम ने सरपंच संजीव कुमार यादव के घर के पीछे से शराब बरामद करने के बाद घर से सरपंच पुत्र हर्षवर्धन कुमार को हिरासत में लेकर चल दिया। लोगों को लगा कि हर्षवर्धन का अपहरण हो गया है, इसके बाद आक्रोशित लोगों ने हमला कर दिया।
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कई पुलिसकर्मी चोटिल
इस हमला में दो वाहन क्षतिग्रस्त होने के साथ दो-तीन पुलिसकर्मी चोटिल हुए तथा लोगों ने उत्पाद विभाग की टीम को बंधक बना लिया। घटना की सूचना मिलते ही बखरी विधायक सूर्यकांत पासवान एवं डीएसपी चंदन कुमार सहित आसपास के सभी थाना की पुलिस पहुंच गई। इसके बाद काफी समझा-बुझाकर मामला शांत कराया गया। इस संबंध में अभी उत्पाद विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि मामले की छानबीन और प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जबकि, बखरी विधायक सूर्यकांत पासवान का कहना है कि सब लोगों को पता है कि सरपंच संजीव यादव, उनके पुत्र या परिवार के कोई भी लोग शराब कारोबार या पीने में संलिप्त नहीं हैं। यह लोग लगातार शराब कारोबार का विरोध करते हैं, इसी से आक्रोशित होकर साजिश करते हुए घर के पीछे शराब रख दिया गया और घर में सोए हर्षवर्धन को सादी वर्दी में आए लोग उठाकर चल दिए। उत्पाद विभाग की टीम ना तो वर्दी में थी और ना ही किसी के पास आईडी कार्ड था, यह लोग बगैर नंबर की गाड़ी से आए थे।
महिलाओं ने पुलिस पर लगाएं आरोप
जबकि सरपंच द्वारा पूर्व में ही अपने साथ वारदात होने की जानकारी दी गई थी तथा यह लगातार सोशल मीडिया पर लिखते हुए शराब कारोबारी के डर से घर से भी नहीं निकलते थे। घर की महिलाओं का कहना है कि रात में चार लोग दरवाजा खुलवाकर जबरदस्ती घर में घुसा है, घर के सभी लोगों को बाहर निकाल दिया और पैसा एवं जेवर भी ले लिया। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने खुद अपनी गाड़ी से शराब उतार कर घर के पीछे रखा तथा हर्षवर्धन को जब पकड़ा गया तो उसे थाना की ओर ले जाना चाहिए, लेकिन उसके बदले बरार चौर की ओर ले जाया जा रहा था।
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