Friday, December 13, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशकई गांवों से दूर हो जाएंगे खलिहान, निगम में शामिल 88 गांवों...

कई गांवों से दूर हो जाएंगे खलिहान, निगम में शामिल 88 गांवों से दूर होने लगी हरियाली

farmer

लखनऊः खेत और खलिहान गांवों की पहचान होते हैं। जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है, उसी रफ्तार से शहर से सटे तमाम गांवों से खलिहान हटने लगे हैं। इनमें अधिकतर ऐसे गांव भी शामिल हैं, जिनको 2019 में परिसीमन के दौरान नगर निगम की सूची में शामिल किया गया था।

नगर निगम ने 2019 में 88 गांवों को शहरी सीमा में शामिल किया था। इन गांवों के लिए विकास कार्याें की जिम्मेदारी नगर और ग्रामीण दोनों से संबंधित विभागों को करनी थी, मगर बीते पंचायती चुनावों में 88 गांवों में पंचायत चुनाव नहीं कराए गए। इससे यह संदेश दिया गया कि उक्त गांव शहरी सीमा में शामिल हैं और उनकी जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम ने कई गांवों का सर्वेक्षण भी कराया, ताकि पता चल सके कि भविष्य में उसके पास कितनी जमीन नजूल से संबंधित है।

पूर्व में यह ग्राम पंचायत के अधीन होने के कारण संपूर्ण बस्ता भी नगर निगम को सौंप दिए गए। इसी आधार पर हाउस टैक्स वसूली का खांका भी बनाया जा रहा है। यद्यपि निकाय चुनाव की तिथियां अभी तय नहीं हैं, लेकिन गांवों की जमीन पर निगम ने अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया है। शहर के कनौसी गांव को भी निगम में शामिल किया गया था, इसमें नजूल की जमीन को खाली कराया जा रहा है। अवैध अतिक्रमण के नाम पर यहां से लोगों को कह दिया गया कि ग्राम पंचायत के अधीन जमीन वह खाली कर दें।

हालांकि, क्षेत्र में निगम की कूड़ा गाड़ियां पहुंच कर संदेश दे चुकी हैं कि अब यहां का विकास कार्य भी शुरू कराया जाएगा। गांव के खलिहान और पंचायत की जमीन पर स्कूल-काॅलेज, अस्पताल, स्टेशन आदि के लिए खाली कराया जा रहा है। इससे कई गांवों से खेती पर भी असर पड़ने वाला है। वैसे भी गांव की जमीन शहरी आबादी में जुड़ने से खेत कम पड़ रहे हैं। अब खलिहान हटने से भी खेती के प्रति लगाव कम होना स्वाभाविक है।

ये भी पढ़ें..Tillu Tajpuriya Murder: तिहाड़ जेल में फिर गैंगवार, गैंगस्टर टिल्लू

अनौरा गांव में भी कई खलिहान लगाए जाते थे। यहां भी लोगों ने अपनी फसले रखना बंद कर दिया। यह वह गांव हैं, जहां अधिकांश लोग खेती से जुड़े हैं। मौदा गांव में बड़े पैमाने पर लोग सब्जी का कारोबार करते हैं। यहां की तमाम जमीन पहले से ही सरकारी लिस्ट में होने के बाद भी अभी तलाशी जा रही है। उधर, चकौली में जमीन खाली है, लेकिन न खेती हो रही है और न ही खलिहान लगाए जा रहे हैं। यहां केवल प्लाॅटिंग हो रही है। परसादीखेड़ा भी लगभग खाली हो चुका है। नगर आयुक्त ने भी कई गांवों का दौरा कर सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए कार्रवाई करने को कहा है। अब जल्द ही बाकी गांवों पर भी सरकारी बुलडोजर पहुंच सकता है।

– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें