फतेहाबादः केन्द्र सरकार द्वारा बैंक निजीकरण के विरोध में आज युनाईटेड फोरम बैंक यूनियन के आह्वान पर आज फतेहाबाद के सभी सरकारी बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने दो दिवसीय हड़ताल का आगाज किया। फतेहाबाद शहर के सभी बैंक कर्मचारी स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के बाहर एकजुट हुए तथा सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की।
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैंकों पर ताले लटके होने के कारण वे मायूस ही वापस लौट गए। बैंकों में हड़ताल के कारण आज जिले में करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हुआ। इस हड़ताल का नेतृत्व कर्मचारी नेता नरेन्द्र लाम्बा व जगदीश मोंगा ने किया। हड़ताल के तहत सभी कर्मचारियों ने एसबीआई मेन शाखा से शुरूआत करते हुए शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों से एक रोष मार्च भी निकाला। हड़ताल बारे जानकारी देते हुए नरेन्द्र लाम्बा, जगदीश मोंगा व मनीष बैनीवाल ने बताया कि सरकारी बैंकों का निजीकरण कर आम जनता के हितों का गला घोंटने पर तुली हुई है। यदि बैंकों को निजीकरण होगा तो सबसे ज्यादा नुक्सान गरीब तबके की जनता को होगा। कर्मचारियों के हितों को भी नुक्सान पहुंचेगा। जो जनता सरकारी बैंकों से लाभ उठा पा रही है।
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निजीकरण के बाद जनता को वह लाभ नहीं मिल पाएंगे। देश की लगभग 70-80 प्रतिशत जनता सरकारी बैंकों में अपना खाता खुलवाती है। ऐसी पब्लिक प्राईवेट बैंकों पॉलिसी को नहीं अपना सकते। पब्लिक व बैंक कर्मचारियों के हितों के लिए यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जा रही है, जो कि 17 दिसम्बर को भी जारी रहेगी। इस हड़ताल के बाद भी यदि सरकार नहीं मानी तो राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित कर बैंक कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे। कर्मचारी नेताओं ने दो दिवसीय हड़ताल के दौरान आम जनता को होने वाली परेशानियों के लिए खेद प्रकट भी किया।
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