Bangladesh violence, ढाका: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठने लगी है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग एकजुटता दिखाते हुए सड़कों पर उतरने लगे हैं। देश में कई जगहों पर छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए हैं। बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं का कहना है कि हम यहीं पैदा हुए हैं, यहीं मरेंगे। हम अपना देश नहीं छोड़ेंगे और अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों का विरोध करेंगे। इस बीच अंतरिम प्रशासक मोहम्मद यूनुस ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
एकजुट होने पर दिया जोर
बांग्लादेश के आंदोलनकारी हिंदू और अल्पसंख्यक छात्रों ने मंगलवार को अंतरिम प्रशासक मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। यह मुलाकात ढाकेश्वरी मंदिर में हुई। इस दौरान उन आठ सूत्री मांगों पर चर्चा की गई, जिनके लिए उन्होंने अल्टीमेटम दिया था। यूनुस ने उनकी मांगों पर गौर करने और अल्पसंख्यकों पर हमले रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। यूनुस ऐसे समय में मंदिर पहुंचे हैं, जब बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। ढाकेश्वरी मंदिर में यूनुस ने कहा कि देश को संकट से उबारना है। हमें एकजुट होना है। यह बंटने का नहीं, बल्कि साथ रहने का समय है। सभी को धैर्य और संयम का पालन करना होगा। हम ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जो एक परिवार की तरह रहे। जिसमें कोई हिंसा न हो। हमें यहां शांति सुनिश्चित करनी है।
हिंदु मंदिर को पहुंचाया जा रहा नुकसान
देश में हिंसा के बीच 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभालने वाले यूनुस ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति के अधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए। उन्होंने अपने देश की दुर्दशा के लिए संस्थागत पतन को जिम्मेदार ठहराया। यह बैठक 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने के बाद कई दिनों तक चली हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी पर हमले, उनके व्यवसायों और संपत्तियों को नष्ट करने और हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने के बाद ढाका के प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में हो रही है। ढाकेश्वरी मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है।
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गौरतलब है कि बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई परिषद ने कहा था कि शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद बांग्लादेश के 64 में से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए हैं। अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की 205 घटनाएं हुई हैं। संगठन ने अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को एक खुला पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि अल्पसंख्यकों में गहरी चिंता और अनिश्चितता है। सरकार को इसका तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
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