ढाका: बांग्लादेश में पहले मंदिरों पर हमले, फिर दुर्गा पूजा के समय हिंसा और अब हिंदू समुदाय के लोगों पर हमला कर मारपीट के बाद 60 घरों को आग के हवाले कर दिया गया। सरकार ने इसको सुनियोजित हिंसा करार दिया है, लेकिन इस तरह की घटना को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है। बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने इन हमलों को देश के धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने करने का षड्यंत्र बताया है।
दरअसल, दुर्गा पूजा के दौरान कुरान के कथित अपमान वाले वायरल वीडियो मामले में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं का जीना मुहाल कर दिया है। रंगपुर जिले के पीरगंज उपजिले में रविवार रात अल्पसंख्यक हिंदुओं के 60 से ज्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हमले में कम से कम 20 घर पूरी तरह खाक हो गए। स्थानीय यूनियन परिषद के चेयरमैन के अनुसार, कम से कम 65 घरों में आग लगा दी गई थी। इस दौरान कई अल्पसंख्यक मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। कई जगहों पर पूजा पंडालों एवं मंदिरों में हमले और आगजनी की वारदातों को अंजाम दिया गया।
पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां के हवाले से कहा गया है कि गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति के एक फेसबुक पोस्ट में धर्म का अपमान करने की अफवाह पर तनाव बढ़ गया था। तनाव की सूचना पर पुलिस की टीम युवक के घर पर पहरा देने लग गई लेकिन हमलावरों ने गांव में आस-पास के कई घरों में आग लगा दी।
अग्निशमन सेवा नियंत्रण कक्ष ने कहा कि घटनास्थल से उनकी रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि पीरगोंज के माझीपारा में 29 आवासीय घरों, दो रसोई, दो खलिहान और 20 घास के ढेर को आग लगा दी। दमकल सेवा को रात 8:45 बजे आग लगने की सूचना मिली और अंतत: सुबह सवा चार बजे आग पर काबू पाया गया।
पुलिस के मुताबिक, सांप्रदायिक हिंसा में कमिला, चांदपुर, चट्टोग्राम, कॉक्स बाजार, बंदरबन, मौलवीबाजार, गाजीपुर के हिंदू मंदिरों में पुलिस और हमलावरों के बीच झड़प हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सांप्रदायिक हिंसा में अब तक दर्जनों लोग भी गिरफ्तार हुए हैं।
इस मामले में सोमवार को ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह ने बांग्लादेश में मंदिरों, पूजास्थलों और हिंदू समुदाय के घरों पर हमलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे धार्मिक समूहों के साथ हाथ मिलाया।प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यक समूहों से संबंधित मामलों को संभालने के लिए एक अलग मंत्रालय के गठन का आह्वान किया।
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद का आरोप है कि चांदपुर और नोआखली में हुए हमलों में कम से कम चार हिंदुओं की मौत हुई है। अर्धसैनिक बल के मीडिया विंग के सहायक निदेशक इमरान खान ने कहा कि कई लोगों को सांप्रदायिक हिंसा में शामिल होने और सोशल मीडिया पर लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है।
इसी तरह शनिवार को भी हमलावरों ने कई मंदिरों और हिंदुओं की कई दुकानों में तोड़फोड़ की थी। लूटपाट के बाद वाहनों को आग लगा दी। करीब सात घंटे तक वे पुलिस से भिड़ते रहे। इसके बाद इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल, अर्धसैनिक बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को तैनात किया गया है। इस हिंसा में करीब 40 लोग घायल हुए हैं। इस संबंध में रविवार को 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं।
इस्कान ने प्रधानमंत्री से की सख्त कार्रवाई की मांग
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे लगातार हमलों की निंदा करते हुए इस्कान ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से सख्त कार्रवाई करके इन पर अंकुश लगाने, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अमेरिका के मैरीलैंड में इस्कान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अल्पसंख्यक हिंदूओं और इस्कान मंदिर पर हुए हमलों से संगठन स्तब्ध है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक बांग्लादेश की 14.9 करोड़ की आबादी में करीब 8.5 फीसद हिंदू हैं। कोमिला जिला समेत बांग्लादेश के कई और जिलों में हिंदू समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी है। कोमिला के जिस इलाके में यह घटना हुई, वहां दशकों से हिंदू और मुसलमान आपसी सद्भाव के साथ रहते आए हैं। मुस्लिम तबके के लोग भी दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में जाते हैं। इसी वजह से यहां रात को पूजा पंडालों में कोई पहरा नहीं होता है।
कोमिला महानगर पूजा उद्यापन समिति के महासचिव शिव प्रसाद दत्त ने कुरान के कथित अपमान की बात को निराधार बताते हुए कहा है कि किसी ने जानबूझ कर हिंसा भड़काने के लिए ही मामुआ दीघीर पार में बने पूजा पंडाल में चुपके से कुरान की एक प्रति रख दी थी। उस समय पंडाल में कोई नहीं था।