बदायूं दुष्कर्म मामलाः मुख्य आरोपी महंत पर इनाम घोषित, लगेगा NSA

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बदायूंः जनपद के उद्यैती थाना क्षेत्र स्थित गांव के धर्मस्थल में पूजा करने गई पचास वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में बुधवार को दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के साथ भी ठीक उसी तरह वारदात को अंजाम दिया गया है जिस तरह निर्भया के साथ हुआ था। वहीं, आईजी व डीआईजी घटनास्थल की जांच के लिए पहुंचे। गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने STF को आदेशित किया है। जिला पुलिस के साथ एसटीएफ भी मामले की जांच करेगी। साथ ही आरोपियों पर NSA के तहत कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

बताया जा रहा है कि महिला बीते रविवार की देर शाम को पास के ही गांव में धर्मस्थल पर पूजा करने गई थी। उसी रात 11 बजे धर्म स्थल की देखरेख करने वाला अपने दो साथियों के साथ बोलेरो से महिला का खून से लथपथ शव लेकर घर पहुंचा। जब तक परिजन बाहर आते, वे शव घर के बाहर फेंककर फरार हो गए। हालांकि, इस दौरान महिला के बच्चों ने तीनों को पहचान लिया, जिसके बाद रात में ही पुलिस को सूचना दे दी। ग्रामीणों ने आरोपित सत्यनारायण को फोन किया तो बहाने बनाने लगा। शिकायत के बावजूद पुलिस अगले दिन सोमवार को देर शाम गांव पहुंची। मंगलवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के शरीर को हैवानों ने बुरी तरह नोचा था। कई चोट के निशान मिले। इतना ही नही, उसका निजी अंग पूरी तरह क्षतिग्रस्त मिला। आशंका जताई जा रही है कि रॉड डालने से यह स्थिति हुई। महिला की बायीं पसली, बायां पैर और बायां फेफड़ा भी वजनदार प्रहार से फाड़ा गया हो। पुलिस ने मामले को बढ़ता हुआ देखकर महंत सत्यनारायण, मेवली निवासी वेदराम और जसपाल पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में धर्मस्थल के महंत समेत तीनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दो आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।

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पुलिस की संवेदनहीनता

हैवानियत की घटना को करीब 18 घंटे बीतने के बाद भी महिला की लाश घर के बाहर पड़ी रही और शिकायत के बावजूद पुलिस सोती रही। मौके पर जाने की जहमत नहीं उठाई। परिजनों व ग्रामीणों के हंगामे के बाद पुलिस गांव पहुंची। पुलिस की संवेदनहीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीड़ित परिजन गुहार लगाते रहे और पुलिस अगले दिन पर मामला टालती रही। पुलिस घटना को नजर अंदाज करती रही।