गिरिडीह: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को हेमंत सरकार पर कड़ा हमला किया। पत्रकारों से बातचीत में बाबूलाल ने कहा कि पहले उन्हें सिर्फ संदेह था कि हेमंत सरकार का बालू और पत्थर के अवैध कारोबारी से मिलीभगत है। अब यकीन हो गया है कि हेमंत सरकार बालू, कोयला और पत्थरों के अवैध कारोबार से खुलकर पैसे कमा रही है। राज्य के अधिकारी के साथ दलाल और जेएमएम नेता लूटने में लगे हुए हैं। तीनों मिलकर पैसे कमा रहे हैं।
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हैरानी की बात है कि साहिबगंज में कारवाई के दौरान ईडी ने अपने चार्जशीट में डीसी और डीएमओ तक के नाम को शामिल किया है। इसके बाद भी हेमंत सरकार इन दोनों अधिकारयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे जाहिर हो रहा है कि सरकार की भी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि एक तरफ हेमंत सरकार बालू, कोयला और पत्थर लूट रही है तो दूसरी ओर गिरिडीह और कोडरमा में मजदूरों के रोजगार के साधन माइका को ठप कर दिया गया है। वन विभाग को माइका कारोबार को लेकर खुला छोड़ दिया गया है, चाहे वो फिर वन विभाग से बाहर के इलाके से माइका निकल रहा हो या वन विभाग के भीतर इलाके से। भाजपा ने भी प्रण लिया है कि जब तक हेमंत सरकार को सत्ता से बाहर नहीं निकाल देती, तब तक शांत नहीं बैठने वाली। इसके मद्देनजर सात नवंबर से राज्य सरकार के खिलाफ प्रखंड स्तर पर आंदोलन शुरू किया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत भाजपा की ओर से कोडरमा और गिरिडीह में ठप पड़े माइका कारोबार को चालू कराने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन किया जाना है।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल ने तेलोडीह की घटना के लिए सदर विधायक सोनू और गांडेय विधायक सरफराज अहमद को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दोनों की साजिश थी फेस्टिवल में दो समुदाय के बीच विवाद पैदा करने का। लेकिन दोनों की साजिश नाकाम हुई। मौके पर भाजपा के जिला अध्यक्ष महादेव दुबे, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साहू, जिला महामंत्री संदीप डंगाईच, पूर्व मेयर सुनील पासवान, मनोज संघई, राजेश जायसवाल समेत कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
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