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बाबू सिंह कुशवाहा-नसीमुद्दीन सिद्दीकी की बढ़ी मुश्किलें, पूछताछ को विजिलेंस ने भेजा नोटिस

लखनऊः प्रदेश की पूर्ववर्ती बहुजन समाज पार्टी की सरकार में हुए लगभग 4200 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले की जांच में एक फिर से विजिलेंस ने तेजी दिखायी है। इस मामले में विजिलेंस ने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा से पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। इस माह के तीसरे सप्ताह में दोनों से पूछताछ होगी।

पूर्व की बसपा सरकार में लगभग 4200 करोड़ रुपये का स्मारक घोटाला हुआ था। विजिलेंस ने इस प्रकरण में पूछताछ के लिए पूर्व मंत्री कुशवाहा व नसीमुद्दीन को नोटिस भेजा है। इसी मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है। बीते दिनों स्मारक घोटाले में मीरजापुर से पकड़े गये पट्टाधारक किशोरी लाल व रमेश कुमार ने पूछताछ के दौरान कई राज खोले थे। इसके बाद दोनों पूर्व मंत्रियों के अलावा कुछ तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की जांच तेज की गई। तकरीबन आठ वर्षों से चल रही इस स्मारक घोटाले की विजिलेंस जांच को अंतिम चरण तक पहुंचाने के लिए दोनों पूर्व मंत्रियों से कई अहम बिंदुओं पर पूछताछ की जानी है। इसीलिए विजिलेंस ने उन्हें नोटिस भेजा है।

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उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त संगठन ने स्मारक घोटाले की जांच सबसे पहले की थी। मई 2013 में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में लगभग 4200 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। बाद में विजिलेंस ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में वर्ष 2014 में स्मारक घोटाले की एफआइआर दर्ज कराई थी। इसमें पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व बाबू सिंह कुशवाहा समेत 199 लोग आरोपित बनाए गए थे।