नई दिल्लीः राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) सिक्किम के बी-टेक छात्र अब सीधे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली से पीएचडी कर सकेंगे। आईआईटी दिल्ली और एनआईटी सिक्किम ने हाल ही में आपसी हित के क्षेत्रों में अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
इस एमओयू के तहत एनआईटी सिक्किम के बी-टेक छात्र गेट या किसी अन्य राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना आईआईटी दिल्ली के पीएचडी कार्यक्रमों में सीधे प्रवेश के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे। एमओयू पर आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव और एनआईटी सिक्किम के निदेशक प्रो. एम. सी. गोविल ने हस्ताक्षर किए हैं। दोनों संस्थानों के बीच संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रमों की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
एनआईटी सिक्किम के स्नातक छात्र अपने छठे सेमेस्टर (3 वर्ष) के अंत में 8.00 सीजीपीए के साथ एक ग्रीष्मकालीन परियोजना के लिए आईआईटी दिल्ली में आवेदन करने के पात्र होंगे और अपना चौथा वर्ष (7 वां और 8 वां सेमेस्टर) वहां पूरा करेंगे। चूंकि वे न्यूनतम 8.00 सीजीपीए के साथ आईआईटी दिल्ली में प्रवेश करेंगे, इसलिए पीएचडी के लिए गेट की आवश्यकता से छूट दी जाएगी। उनसे बी-टेक के अपने 7वें और 8वें सेमेस्टर के दौरान पाठ्यक्रम और शोध में पर्याप्त योग्यता प्रदर्शित करने की उम्मीद की जाती है।
आईआईटी दिल्ली में अपना चौथा वर्ष पूरा करने के बाद छात्रों को उनके अकादमिक प्रदर्शन के आधार पर संस्थान के पीएचडी कार्यक्रमों में जल्दी प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा।
आईआईटी दिल्ली के साथ एमओयू के बारे में बोलते हुए एनआईटी सिक्किम के निदेशक प्रो. एमसी गोविल ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आईआईटी दिल्ली के साथ हमारे सहयोग से अनुसंधान और नवाचार के संबंध में हमारे छात्रों और शिक्षकों को अत्यधिक लाभ होगा। मुझे उम्मीद है कि यह पूर्वोत्तर में तकनीकी और अकादमिक प्रतिभा के एक नए युग की शुरुआत करेगा, जो इस क्षेत्र को तेज गति से विकसित करने में मदद करेगा।
एनआईटी सिक्किम के साथ एमओयू का स्वागत करते हुए आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा, “एनआईटी सिक्किम देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में एक प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थान है। मुझे विश्वास है कि आईआईटी दिल्ली में, एनआईटी सिक्किम के छात्रों को जो विश्व स्तरीय अनुसंधान से जुड़ा बुनियादी ढांचे का अनुभव मिलेगा, वह उनके करियर को आकार देने में मददगार होगा। यह समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होगा।
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समझौता ज्ञापन के तहत एक परामर्श कार्यक्रम की भी परिकल्पना की जा रही है, जिसमें आईआईटी दिल्ली के संकाय सदस्य एनआईटी सिक्किम के प्रत्येक विभाग के लिए सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे। इससे विभागीय स्तर पर फैकल्टी अथवा स्टाफ के आदान-प्रदान की सुविधा होगी, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। आईआईटी दिल्ली, एनआईटी के छात्रों से कोई शैक्षणिक शुल्क नहीं लेगा, क्योंकि वे अपने मूल संस्थान में नियमित शैक्षणिक शुल्क का भुगतान करेंगे।
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