Ram Mandir Pran Pratishtha : जानें कब अयोध्या पहुंचेंगे मुख्य यजमान पीएम मोदी, ये रहा पूरा शेड्यूल

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Ram Mandir Pran Pratishtha , नई दिल्लीः 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं और वह इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान भी हैं। कार्यक्रम में जब सिर्फ एक दिन बचा है तो पीएम मोदी के अयोध्या आगमन का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार दोपहर करीब 12 बजे अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला के प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे। इससे पहले अक्टूबर, 2023 में प्रधानमंत्री को श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण मिला था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।

इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। समारोह में विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित सभी क्षेत्रों के लोग भी भाग लेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री इस विशेष सभा को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण से जुड़े कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री कुबेर टीला भी जाएंगे, जहां भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। वह इस पुनर्निर्मित मंदिर में पूजा और दर्शन भी करेंगे।

ये है पीएम मोदी के कार्यक्राम का पूरा शेड्यूल

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12:05 बजे से 12:55 बजे तक यानी करीब 50 मिनट तक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह पूजा स्थल से निकलकर दोपहर करीब 1 बजे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वह दोपहर 2 बजे तक यहीं रहेंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पीएम मोदी दोपहर करीब 2:10 बजे कुबेल टीला पहुंचेंगे और दर्शन करेंगे। इसके बाद वो 2 बजकर 25 मिनट पर हेलीपैड के लिए रवाना हो जाएंगे।

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मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया

भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों पर आधारित है। मंदिर के खंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी हुई हैं। भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम का बाल स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) रखा गया है।

मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहाँ सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडपम, रंग मंडपम, सभा मंडपम, प्रार्थना मंडपम और कीर्तन मंडपम। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआँ (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के एक प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी है।

राम मंदिर की खासियत

मंदिर की नींव रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से बनाई गई है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देती है। मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। जमीन को नमी से बचाने के लिए ग्रेनाइट का उपयोग कर 21 फुट ऊंचे मंच का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है। मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके किया गया है।

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