Ayodhya, अयोध्याः देश के कोने-कोने से आये बीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या की ऐतिहासिक चौदह कोसी परिक्रमा की। परिक्रमा मंगलवार को देर रात तक जारी रहेगी। मंगलवार को भी लाखों श्रद्धालु बिना रुके, बिना थके आस्था की राह पर परिक्रमा करते नजर आए। परिक्रमा के अंत में सरयू में स्नान और प्रमुख मंदिरों के दर्शन का क्रम चलता रहा।
परिक्रमापथ पर रामचरित मानस की चौपाइयों की गूंज के साथ जय श्री राम, राम-राम और सीताराम के स्वर सुनाई दे रहे थे। परिक्रमा को देखते हुए रामनगरी में ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया है। अयोध्या में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश वर्जित है। चौदह कोसी परिक्रमा के दौरान सुबह होते-होते अयोध्या और अयोध्या धाम मानव शृंखला में बंध गये। ऐसा लग रहा था मानों दोनों नगरों को भक्तों की माला पहना दी गई हो।
रात्रि 2 बजे से चल रही है परिक्रमा
मंगलवार की रात दो बजे से अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई। यह मंगलवार रात 11:38 बजे तक रहेगा। यहां पहुंचे लाखों श्रद्धालु रामनाम संकीर्तन और लोकगीतों के साथ परिक्रमा कर रहे हैं। ड्रोन कैमरे की निगरानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम दिखे। सिर पर आस्था की पोटली उठाए नंगे पांव श्रद्धालुओं का सैलाब परिक्रमा मार्ग पर नजर आ रहा था।
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नंगे पांव न गड़े कंकड़, जगह-जगह डाला गया बालू
लाखों की भीड़ की सुरक्षा व मेला व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा। ड्रोन कैमरे से परिक्रमा मार्ग की निगरानी की गई। महत्वपूर्ण स्थानों पर सभी लोग सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहे। डीएम नितीश कुमार के मुताबिक श्रद्धालु नंगे पैर परिक्रमा करें, इसलिए परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह रेत डालकर इसे आरामदायक बनाने की कोशिश की गई है।
एटीएस की निगरानी में हुई परिक्रमा
परिक्रमा एटीएस की निगरानी में रही। विशेष भीड़भाड़ वाले स्थानों नयाघाट, रामघाट, सूर्यकुंड, नाका हनुमानगढ़ी, गुप्तार घाट, राजघाट सहित परिक्रमा पथ पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पूरे मार्ग पर जगह-जगह पुलिस के साथ सुरक्षा बल तैनात किये गये थे और मार्ग पर रोशनी की व्यवस्था की गयी थी। इसके अलावा उपचार के लिए कंट्रोल रूम, गुप्तारघाट, अफीम कोठी, अमानीगंज,हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, दर्शन नगर, अचारी का सागरा, मिर्जापुर, जनौरा, हनुमानगढ़ी, चक्रवर्ती निर्मोचन घाट, झुनकी घाट,सहादतगंज पर रही।
खोया-पाया कैंप हो रहा मददगार
यहां पांच स्थानों पर खोया-पाया शिविर लगाए गए हैं, जो लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहे हैं। शिविर के माध्यम से कई भूले-बिसरे लोगों का परिचय भी कराया गया। 14 कोसी परिक्रमा मेला शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़े। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर अलर्ट रहे। इससे संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी कंट्रोल रूम में दी/ली जा सकती है।
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