लखनऊः परिवहन विभाग फेसलेस लर्निंग लाइसेंस में ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था लागू करेगा। आवेदकों को हो रही परेशानी को देखते हुए परिवहन विभाग यह कदम उठाने जा रहा है। परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने परिवहन आयुक्त को ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद परिवहन आयुक्त एल वेंकटेश्वर लू ने आईटी विंग को उक्त व्यवस्था लागू करने सम्बंधी आदेश जल्द जारी करने के निर्देश दिए हैं। परिवहन विभाग के अफसरों के साथ बैठक में फेसलेस लर्निंग लाइसेंस में आवेदकों को हो रही दिक्कतों का मामला सामने आया था।
जिसके बाद ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया। दरअसल, फेसलेस लर्निंग लाइसेंस में ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था की बजाय दो जगहअप्रूवल का प्राविधान रखा हुआ है। पहला अप्रूवल आवेदकों के प्रपत्रों की जांच यानी स्क्रूटनी में और दूसरा एग्जाम पास होने के बाद। प्रपत्रों की जांच यानी स्क्रूटनी में ही किसी न किसी वजह से तमाम आवेदकों के आवेदन बैक कर दिए जा रहे हैं।
इसके चलते आवेदकों का लर्नर लाइसेंस का आवेदन ही स्वीकार नहीं हो रहा है। आवेदक विभागीय अफसरों से अक्सर इसकी शिकायत भी करते रहते हैं, वहीं विभागीय अफसरों की मानें तो आवेदकों के लिए आधार के जरिए फेसलेस लर्नर लाइसेंस के आवेदन की व्यवस्था बनाई गई है। ऐसे में प्रपत्रों की जांच यानी स्क्रूटनी के दौरान अप्रूवल की व्यवस्था रखना कहीं से भी सही नहीं है। इसी प्रकार आवेदक के एग्जाम के बाद अप्रूवल की व्यवस्था रखना भी गलत है। अगर आवेदक लर्नर एग्जाम पास कर ले रहा है, तो स्वतः उसका शिक्षार्थी लाइसेंस जारी हो जाना चाहिए। इसके लिए ही अब फेसलेस डीएल साॅफ्टवेयर में ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था का प्रावधान किया जाएगा।
छह जनवरी 2022 को लागू हुई थी फेसलेस व्यवस्था
परिवहन विभाग ने 06 जनवरी 2022 से लर्निंग डीएल की फेसलेस व्यवस्था शुरू की थी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ आरटीओ व बाराबंकी में शुरू की गई इस व्यवस्था को प्रदेश भर में लागू किया गया। 01 जून 2022 से पूरे प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस की व्यवस्था को सौ प्रतिशत फेसलेस के तौर पर लागू कर दिया गया। फेसलेस लर्निंग लाइसेंस सॉफ्टवेयर की जटिलताओं के चलते करीब 50 प्रतिशत आवेदक ही सफल हो पा रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन लर्निंग डीएल बनवाने की सुविधा आवेदकों के लिए असुविधा साबित हो रही है। आवेदक लर्नर लाइसेंस की परीक्षा पास करने के बाद भी अप्रूवल की व्यवस्था के चलते फेल कर दिए जा रहे हैं।
आवेदक को देनी होती है ऑनलाइन परीक्षा
फेसलेस व्यवस्था में लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदकों को ऑनलाइन परीक्षा देनी होती है। इसके लिए आधार के माध्यम से आवेदन के बाद विभाग द्वारा प्रपत्रों की जांच की जाती है। प्रपत्रों के वेरीफिकेशन के बाद आवेदकों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर आईडी-पासवर्ड भेजा जाता है। इस आईडी-पासवर्ड को लॉगिन कर आवेदक को परीक्षा देनी होती है। आवेदक जब मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर परीक्षा देते हैं, तो यह फेसलेस साॅफ्टवेयर में रिकॉर्ड होता है। आवेदकों को इस दौरान कई सावधानियां भी रखनी पड़ती हैं। परीक्षा के दौरान किसी के पीछे से न गुजरने, किसी की आवाज व तस्वीर न आने का खास ख्याल रखना होता है। इस प्रकार की गतिविधि होने पर आवेदन निरस्त हो जाता है। हालांकि, कई बार एग्जाम पास होने के बाद भी आवेदक फेल कर दिए जाते हैं। अब ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था होने से आवेदकों को इस प्रकार की दिक्कतों से नहीं गुजरना पड़ेगा।
रोपोर्ट-पंकज पाण्डेय
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