10 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए एटीपी व आर्किटेक्ट, मिली पांच दिन की रिमांड

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रोहतकः दस लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए नगर निगम के एटीपी (सहायक टाउन प्लानर) और आर्किटेक्ट को रियाना एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने गुरुवार को दोनों आरोपियों को पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस टीम दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही ब्यूरो की टीम ने एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है, उसे कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है।

एसीबी की टीम को एक प्रापर्टी डीलर ने शिकायत दी थी कि 30 दिसंबर 2021 को पाम सोसायटी ने रोहतक के सामने न्यू बायपास रोहतक से सटे बोहर गांव में नौ एकड़ कृषि भूमि का एक हिस्सा खरीदा था, कुछ महीने बाद एक प्लॉट विकसित किया। वहां अनधिकृत कॉलोनी। नगर निगम के एटीपी जितेंद्र नेहरा ने शिकायतकर्ता को कॉलोनी के मकान तोड़ने की धमकी दी और रिश्वत की मांग की। इसी सप्ताह 25 मई, 26 मई व 29 मई को आरोपी जितेंद्र ने सह आरोपी त्रिलोकचंद आर्किटेक्ट से मिलीभगत कर फरियादी से 40 लाख रुपये रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता के अनाधिकृत निर्माण को गिराकर एटीपी जितेंद्र ने सह आरोपी त्रिलोक चंद शर्मा आर्किटेक्ट से मिलीभगत कर शिकायतकर्ता को रिश्वत की रकम दिलवाने के लिए शिकायतकर्ता को लगाया। शिकायतकर्ता त्रिलोक चंद से मिला और उसे 20 लाख रुपये की रिश्वत देने पर सहमत हो गया।

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बुधवार रात शिकायतकर्ता रिश्वत की आधी राशि यानी 10 लाख रुपये देने के लिए आर्किटेक्ट के कार्यालय छोटूराम चौक पहुंचा, जहां एसीबी की टीम ने आरोपी त्रिलोक चंद शर्मा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया, जबकि आर्किटेक्ट के बयान पर टीम ने एटीपी को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है। नगर निगम के एटीपी की गिरफ्तारी दिनभर शहर में चर्चा का विषय बनी रही। इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीनों को कोर्ट में पेश किया, कोर्ट ने एटीपी और आर्किटेक्ट को पांच दिन के रिमांड पर भेजा, जबकि तीसरा आरोपी जमानत पर रिहा हो गया। पुलिस टीम दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

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