प्रयागराजः इस्लाम में किसी की कब्र पर उसकी मृत्यु के चालीसवें दिन फूल चढ़ाए जाते हैं। परिवार के सदस्य कब्र के पास जाते हैं और भक्ति फूल चढ़ाते हैं और फातेहा पढ़ते हैं। अतीक और अशरफ के चालीसवें गुरुवार को किसी ने फूल नहीं चढ़ाए। जबकि पुलिस शाइस्ता परवीन और जैनब के आने की उम्मीद कर रही थी।
कब्रिस्तान के आसपास रहने वाले लोग इसके बारे में बात करने से भी कतरा रहे थे। बताया जाता है कि परिवार का कोई भी सदस्य कब्र पर नहीं पहुंचा। जबकि चालीस के दशक में शाइस्ता परवीन व जैनब के कब्रिस्तान में आने की सूचना पर पुलिस सतर्क रही। सुबह से ही पुलिस मुस्तैद रही और इसके लिए महिला पुलिस को भी सक्रिय कर दिया गया। हर जगह मॉनिटरिंग की जा रही थी।
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पुलिस को शक था कि शाइस्ता परवीन चोरी-छिपे कब्र पर जा सकती है और अपने पति और देवर के साथ बेटे असद की कब्र पर फूल चढ़ा सकती है। लेकिन दोपहर तक कब्रिस्तान में सन्नाटा पसरा रहा। गौरतलब है कि अतीक अहमद की पत्नी और 50 हजार रुपये के इनामी शाइस्ता परवीन फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला है। पुलिस उस पर इनाम की राशि बढ़ाने की तैयारी कर रही है। अतीक के ज्यादातर रिश्तेदार जेल में हैं या फरार हैं।
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