दिल्ली राजनीति

5 साल बाद नीतीश को आई पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की याद, दिल्ली पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

Atal Bihari Vajpayee-Nitish Kumar paid tribute Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के 5 साल बाद नीतीश कुमार को अचानक वाजपेयी की याद आई। बुधवार को, यह पहली बार था जब नीतीश कुमार नई दिल्ली में "सदेव अटल" समाधि पर अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली पहुंचे। बुधवार से 5 साल पहले यानी 16 अगस्त 2018 को भारत पत्न व पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया था। दोपहर करीब दो बजे दिल्ली पहुंचे नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee ) की समाधि पर पहुंचे और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी उन्हें बहुत पसंद करते थे। नीतीश ने कहा- अटल जी मुझे केंद्र में कई अहम जिम्मेदारियां दी गईं। मुझे मुख्यमंत्री बनाने में उनकी भूमिका थी और जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहा था तो वह भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

नीतीश कुमार पर सुशील मोदी ने साथा निशान

नीतीश कुमार ने कहा कि 2018 में जब अटल जी का निधन हुआ तो मैं यहां आया था। लेकिन कोराना के कारण बीच में यहां नहीं आ सका। हालांकि, नीतीश कुमार का यह तर्क हास्यास्पद था। कोरोना के कारण ही 2020 में दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के समाधिस्थल पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन नहीं किया गया था। इसके अलावा हर साल उनकी पुण्य तिथि पर वहां श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाता था। लेकिन नीतीश कुमार 2018 के बाद पहली बार अपनी समाधि पर पहुंचे। ये भी पढ़ें..Mirzapur: नेपाल से एमपी जा रही यात्रियों से भरी बस में अचानक लगी आग, 60 लोग थे सवार उधर बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने सीएम नीतीश के वाजपेयी प्रेम पर जमकर निशाना साधा। सुशील मोदी ने कहा कि सीएम नीतीश एक तरफ अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ करते हैं तो दूसरी तरफ पीएम मोदी का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की परंपरा को पीएम मोदी आगे बढ़ा रहे हैं, जो अटल का समर्थन करते हैं उनको मोदी का भी समर्थन करना चाहिए।

सुशील मोदी बोले श्रद्धा कम, भाजपा में विभाजन का प्रयास ज्यादा

सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार नरेन्द्र मोदी बनाम आडवाणी, नरेन्द्र मोदी बनाम अटल बिहारी करने का प्रयास करते हैं लेकिन इसमें वो कभी सफल नहीं होंगे। उन्होंने आगे जब वो पूर्व पीएम वाजपेयी और भाजपा के वारिष्ठ नेता आडवाणी की प्रशंसा करते हैं तो उनके मन में श्रद्धा कम, भाजपा में विभाजन का प्रयास अधिक होता है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)