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ज्ञानवापी के बाद अब इस शाही ईदगाह का भी होगा सर्वे, जानें क्या हैं कोर्ट के फैसले के मायने

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Shri Krishna Janmabhoomi, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर विवाद में हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है। काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब हाईकोर्ट ने मथुरा के मैरेज ईदगढ़ परिसर में सर्वेक्षण कराने की इजाजत दे दी है।

बता दें, शाही ईदगाह में सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष काफी समय से मांग कर रहे थे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह को लेकर लंबे समय से इलाहाबाद हाईकोर्ट में विवाद चल रहा है। याचिका में कहा गया है कि उस मस्जिद के नीचे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो साबित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर है।

ज्ञानवापी से थोड़ी अलग होगी जांच प्रक्रिया

दरअसल याचिका में मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से सटी मस्जिद का किसी वकील से सर्वे कराने की मांग की गई थी। सर्वे में हाईकोर्ट ने मस्जिद के सर्वे के दौरान स्पष्ट फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने को कहा है। हालांकि, यह सर्वे ज्ञानवापी से थोड़ा अलग होगा।

क्योंकि कोर्ट ने वहां वैज्ञानिक सर्वे कराया था, जो शाही ईदगाह मस्जिद पर नहीं कराया जाएगा। सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर कौन होगा और सर्वे के लिए कितने दिन का समय दिया जाएगा? इस पर 18 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ASI सर्वे कराया गया था। हाल ही में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे को भी मंजूरी दी गई थी।

ASI सर्वे से साफ हो जाएगी तस्वीर

बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद अब ASI सर्वे से साफ हो जाएगा की मस्जिद खाली जगह पर बनी है या फिर मंदिर को तोड़कर बनाई गई है, ऐसे तमाम सवालों के जवाब सर्वे से आसानी से मिल जाएंगे। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा, शाही ईदगाह मस्जिद में हिंदू मंदिर के कई चिन्ह और प्रतीक मौजूद हैं और वास्तविक स्थिति जानने के लिए एएसआई सर्वेक्षण जरूरी है।

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उन्होंने कहा, इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि मस्जिद के अंदर हिंदू प्रतीक हैं या नहीं। इतना ही नहीं, ASI सर्वे से कोर्ट को इस पूरे विवाद पर फैसला सुनाने में भी काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, सर्वे कराया जाए तो वास्तविक स्थिति का पता चल जाएगा।

क्या है हिंदू पक्ष का दावा?

दरअसल हिंदू पक्ष का कहना है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और ऐसे कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था। इसके अलावा, मस्जिद के नीचे एक कमल के आकार का स्तंभ और हिंदू देवताओं में से एक ‘शेषनाग’ की एक छवि भी है। इतना ही नहीं, हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद के स्तंभों के निचले हिस्से पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी हैं।

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