राजस्थान

बिजली संकट से जूझ रहा राजस्थान, नहीं मिल रही बिजलीः सीएम अशोक गहलोत

Ashok Gehlot

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok gehlot) ने कहा कि प्रदेश की जनता को भीषण गर्मी के इस दौर में बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है। राजस्थान को 12 रुपए यूनिट की रेट पर भी पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। मुख्यमंत्री सोमवार को दिल्ली में सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले यह बात कही।

उन्होंने कहा कि हम लोग मार्केट से जो बिजली खरीदते हैं। उसमें अपनी बोली लगानी पड़ती है। अब भारत सरकार ने 12 रुपए रेट फिक्स कर दी है। हम जनता के लिए 12 रुपए प्रति यूनिट की रेट तक भी बिजली खरीदने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह 12 रुपए में भी नहीं मिल पा रही है। तकलीफ सबको हो रही है। कोयले का संकट है। इसलिए मैं चाहूंगा कि जल्द से जल्द कोयला विदेश से मंगाना है या देश से उत्पादन बढ़ाना है। वह काम होना चाहिए और ये संकट खत्म होना चाहिए। गहलोत ने कहा कि देश के 16 राज्यों में बिजली का संकट चल रहा है, उसमें राजस्थान भी एक है।

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राजस्थान के उदयपुर में 13 से 15 मई को होने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नव संकल्प शिविर की तैयारियों को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने अशोक गहलोत (Ashok gehlot) सोमवार को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने कहा कि शिविर कामयाब होगा और कैटेगरी बनाकर बड़े रूप में सब डेलिगेट्स को इसमें बुलाया गया है। शिविर में जो चिंतन-मंथन होगा। वो देश में कांग्रेस की विचारधारा का नरेटिव बनाएगा। जो विचारधारा गांधी, पंडित नेहरू, मौलाना आजाद, सरदार पटेल और अंबेडकर साहब के वक्त की है।

गहलोत ने कहा कि पूरे देश में हालात चिंताजनक हैं। क्योंकि हर व्यक्ति डरा-सहमा है। देश में हिंसा का माहौल बन गया है। दंगे भड़काए जा रहे हैं। मैंने अमित शाह से मांग की है कि आप सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जज को बिठाओ और 7 राज्यों में रामनवमी पर हुए दंगे की जांच करवाओ। क्योंकि वो ही दंगा उससे पहले नवसंवत्सर पर राजस्थान के करौली में हुआ। आठों जगहों की दंगे की जो अप्रोच रही है और जो मॉडल बना हुआ है, वह एक सा था। उसका मालूम पड़ेगा तो आगे दंगे रुक जाएंगे। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार पर भी हमारा आरोप है कि पूरा देश हाहाकार कर रहा है। नौजवान समझ नहीं पा रहा है कि देश में हो क्या रहा है। नौकरियां कहां चली गईं, नौकरियां लग क्यों नहीं रही हैं। आर्टिकल आ रहे हैं और रिसर्च हो रहे हैं कि लोग निराश होकर गांवों में चले गए हैं। रोजगार मांगने वाले इस माहौल से इतने निराश हो गए हैं कि हमें नौकरी की कोई उम्मीद ही नहीं है। जब उन नौजवानों में फ्रस्ट्रेशन आता है, तो कई बार कानून की स्थिति भी बिगड़ती है। घटना-दुर्घटनाएं होती हैं। अन्याय-उत्पीड़न होने पर ये माहौल ठीक करना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसमें कोई पॉलिटिकल पार्टी की बात नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था बीजेपी के लोग चौपट कर रहे हैं। हमारी उनसे यही शिकायत है। राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत ही शानदार रही है। लेकिन, अब जो करौली की घटना हुई है, फिर राजगढ़ में मंदिर की घटना हुई। बीजेपी बोर्ड ने प्रस्ताव पास किया। उसके बाद कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर दिया। ये हरकतें ठीक नहीं हैं। केन्द्रीय मंत्रियों, नेताओं को ये कहा जा रहा है कि ऑफ इश्यू को लम्बा खींचते जाओ। देशभर में करौली मुद्दा अभी तक चल रहा है। जबकि वहां 1 घंटे की घटना हुई थी। बहुत गंभीरता से आरएसएस-बीजेपी के लोगों को कहना चाहूंगा कि कांग्रेस ने विद ह्युमिलिटी हार स्वीकार की है। हम आपस में दुश्मन हैं क्या? ये तो विचारधाराओं की लड़ाई है।सरकारें बदलती रहती हैं। लेकिन, जिस रूप में ये लोग दंगों को भड़का रहे हैं। इसमें षड्यंत्र की बू आती है। राजस्थान तो पहले से ही टारगेट पर है, वो तो हमेशा रहेगा।

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