लखनऊ: राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक मंगलवार को निदेशालय समाज कल्याण भवन, प्राग नारायण रोड, लखनऊ में आयोजित की गई। बैठक माननीय समाज कल्याण विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण (Asim Arun) की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में समिति के अध्यक्ष एवं माननीय राज्य मंत्री ने सफाई कर्मचारियों के पुनर्वास की समीक्षा की। उन्होंने सफाई कर्मियों को उपलब्ध कराये गये सुरक्षा किट और आधुनिक उपकरणों की स्थिति की भी जानकारी ली।
‘प्रभाव आकलन के लिए दिए गए निर्देश’
बैठक में राज्य मंत्री असीम अरुण ने समिति के सदस्यों को पुनर्वास योजनाओं के प्रभाव का आकलन करने का निर्देश दिया। उन्होंने अब तक पुनर्वासित 32,473 सफाई कर्मचारियों को योजनाओं के अंतर्गत लाभ तथा पुनर्वास के संबंध में ग्रामीण विकास एवं शहरी विकास के माध्यम से प्रभाव आकलन के निर्देश दिये।
‘आधुनिक मशीनों से सफाई कराने पर दिया जोर’
समिति ने प्रदेश के सभी जिलों को मैन्युअल कार्य से मुक्त कर सीवर/सेप्टिक टैंकों की सफाई के खतरनाक कार्य को आधुनिक मशीनों से कराने पर चर्चा की। इसके लिए ‘नमस्ते योजना’ का प्रचार-प्रसार कर सीवर/सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए टोल फ्री नंबर 14420 तथा नगर निकायों के लिए टोल फ्री नंबर 1533 का प्रचार-प्रसार कर ऐसे सफाई कार्य मशीनों से कराने के निर्देश दिये गये।
इसके साथ ही समिति ने व्यक्तिगत कारणों से ऐसे सफाई कार्य में लगे कर्मियों से समिति के सदस्यों एवं विभागीय अधिकारियों के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से संपर्क एवं परामर्श लेने का भी निर्णय लिया। इससे सीवर/सेप्टिक टैंकों की सफाई के काम में लगे लोगों को आधुनिक टूल किट और प्रशिक्षण दिया जा सकता है और विभिन्न खरीद नीतियों में आवश्यक बदलाव करके उन्हें मजदूर से उद्यमी बनाया जा सकता है।
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‘सफाई कर्मियों को मिल रहा है योजनाओं का लाभ’
बैठक के दौरान सफाई कर्मियों को छात्रवृत्ति योजना, आवास पेंशन, स्वरोजगार समेत विभिन्न विभागों में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया गया। समाज कल्याण विभाग पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से सफाईकर्मियों के बच्चों, अस्वच्छ व्यवसायों में लगे लोगों, खतरनाक सफाई कार्यों में लगे लोगों, कूड़ा बीनने जैसे विभिन्न अस्वच्छ व्यवसायों में लगे लोगों को सालाना 3500 रुपये प्रदान कर रहा है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से सफाई कर्मियों को 25 हजार से 15 लाख रुपये तक दिये जा रहे हैं।
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