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यूक्रेन में कर्फ्यू में ढील मिलते ही हॉस्टल से पैदल निकली छात्रा, पड़ोसी देश के लिए हुई रवाना

यूक्रेन

हमीरपुरः यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसी कस्बे की छात्रा प्रतिष्ठा गुप्ता सोमवार को कर्फ्यू में ढील मिलते ही हॉस्टल से निकलकर रेलवे स्टेशन के लिए पैदल रवाना हुई और रेलवे स्टेशन पहुंचकर पड़ोसी देश के लिए निकल पड़ी है। उधर सोमवार को जिलाधिकारी डॉ चंद्रभूषण त्रिपाठी ने छात्रा के परिजनों से बातचीत कर ढांढस बंधाया।

भरुआ सुमेरपुर कस्बे के मेडिकल व्यवसाई मुकेश गुप्ता की पुत्री प्रतिष्ठा पिछले डेढ वर्ष से यूक्रेन की राजधानी कीव में रहकर एमबीबीएस कर रही है। छात्रा के पिता ने बताया कि सोमवार को यहां के समय अनुसार 12 बजे से 2 घंटे की कर्फ्यू में ढील प्रदान की गई। कर्फ्यू में छूट मिलते ही बिटिया हॉस्टल से निकलकर पैदल रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुई। स्टेशन पहुंचकर वह ट्रेन से पड़ोसी देश के लिए रवाना हुई है। जहां से वह स्वदेश के लिए रवाना होगी। बिटिया के कीव से बाहर आते ही परिजनों ने राहत की सांस ली है और उनके अंदर उम्मीद जगी है कि वह अब वापस स्वदेश आ जाएगी।

प्रतिष्ठा की वतन वापसी के लिए पीएम को भेजा पत्र

यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई करने गईं भरुआ सुमेरपुर की प्रतिष्ठा गुप्ता की वतन वापसी के लिए समूचा जनपद चिंतित है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है। कोर कमेटी राठ के अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता व जिलाध्यक्ष बृजेश गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र मेल किया है। जिसमें लिखा कि एमबीबीएस की पढाई करने गईं प्रतिष्ठा इस समय यूक्रेन के कीव रेलवे स्टेशन पर भारत आने की आस में है। अभी तक उनको रेलवे स्टेशन में प्रवेश नहीं दिया गया है। उनके पास भोजन सामग्री भी नहीं बची है। अपने परिवार से दूर यह 20 वर्षीय छात्रा वतन वापसी के लिए भारत सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। पत्र में छात्रा को सकुशल वापस लाने में मदद की मांग की गई है।

रविंद्र गुप्ता ने बताया कि उनके पास मेल का रिप्लाई आया है। जिसमें संपर्क करने के लिए कुछ नंबर दिए गए हैं। उक्त नंबरों को छात्रा के पिता के पास भेज दिया है। जिसके बाद जानकारी मिली है कि छात्रा को बार्डर तक पहुंचने के लिए ट्रेन उपलब्ध करा दी गई है।

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