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CM केजरीवाल को राहत नहीं, गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

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Arvind Kejriwal Case Verdict, नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने एक्साइज घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने इस मामले में 3 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जब भी किसी आरोपी को सरकारी गवाह बनाया जाता है तो यह काम न्यायिक अधिकारी का होता है, न कि इस मामले में जांच एजेंसी यानी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का। दिल्ली कोर्ट ने कहा कि यह तय करना कोर्ट का काम नहीं है कि किसने किस पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए पैसे दिये। अदालत को इस पर विचार नहीं करना है कि चुनावी बॉन्ड के रूप में किसने किस पार्टी को पैसा दिया। केजरीवाल चाहें तो गवाहों से जिरह कर सकते हैं। यह ट्रायल का मामला है, हाईकोर्ट का नहीं।

कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी किसी की भी जांच कर सकती है। कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान के फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि सार्वजनिक हस्तियों को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल मार्च से ही समन की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए गिरफ्तारी की गई है।


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कोर्ट की चिंता संवैधानिक है, राजनीतिक नहीं

कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका का काम कानून की व्याख्या करना है और इसमें वह किसी का पक्ष नहीं लेती, राजनीति में शामिल नहीं होती। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक शख्सियतों के मामलों में कोर्ट को सिर्फ कानून को देखना होगा, राजनीतिक घटनाक्रम को देखना जरूरी नहीं है। कोर्ट की चिंता संवैधानिक नैतिकता है, राजनीतिक नैतिकता नहीं। इस मामले में भी कोर्ट ने केवल कानूनी तथ्यों पर ही विचार किया।

हाईकोर्ट ने गोवा विधानसभा चुनाव का दिया हवाला

हाईकोर्ट ने कहा कि 2020 के गोवा विधानसभा चुनाव में हवाला डीलर के बयानों से पता चलता है कि उस चुनाव में पैसे का इस्तेमाल किया गया था। कोर्ट ने एनडी गुप्ता के बयान का भी जिक्र किया। केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। 1 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

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