Narmada Flood: 48 घंटे तक बाढ़ के बीच फंसा रहा परिवार, सेना ने किया रेस्क्यू

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अहमदाबाद: वडोदरा जिले की करजण तहसील में नर्मदा नदी (Narmada Flood) के बीच व्यास टापू पर बाढ़ में फंसे 12 लोगों के लिए सेना के जवान देवदूत बनकर आये। खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके तो आर्मी के जवानों ने बोट से सभी को सुरक्षित निकाला।

जानकारी के अनुसार, शनिवार को जिला प्रशासन ने बाढ़ के संबंध में सूचना जारी की थी, लेकिन व्यास टापू पर परिवार समय रहते सुरक्षित स्थल पर नहीं जा पाया। इसके बाद नर्मदा नदी में पानी बढ़ने (Narmada Flood) से व्यास टापू पर जलस्तर बढ़ने लगा। बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को निकालने के लिए कलक्टर अतुल गोर ने टापू पर करजण प्रांत अधिकारी आशीष मयात्रा को सूचना भेजी।

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खराब मौसम के कारण उड़ान नहीं भर सका हेलीकॉप्टर

प्रशासन वडोदरा से तहसीलदार मनोज देसाई को स्थल पर भेजा गया। बाद में कलक्टर गोर ने राहत आयुक्त के माध्यम से वायु सेना का हेलीकॉप्टर मंगवाया, लेकिन अहमदाबाद में खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। बाद में कोस्टगार्ड का एक हेलीकॉप्टर दमण से मंगवाने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी दमण से नहीं आ पा सका।

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पानी के तेज बहाव से नहीं उतर सका बोट

जिला प्रशासन ने रविवार दोपहर बाद एक बोट को नदी में उतारा, लेकिन पानी प्रवाह अधिक होने से बचाव दल को लौटना पड़ा। ऐसी गंभीर स्थिति को देखते हुए रविवार शाम को अधिक शक्तिशाली नाव सेना से मंगवाई गई और सोमवार सुबह बचाव अभियान चलाया गया। सोमवार सुबह सेना की एक नाव नाश्ता और आवश्यक सामग्री के साथ एक स्थानीय जानकार व्यक्ति को लेकर व्यास टापू पर पहुंची और वहां फंसे सभी 12 लोगों को पहले नाश्ता कराया गया और बाद में नाव में बिठाया गया। पिछले 48 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सोमवार सुबह सभी को लेकर नाव सुरक्षित किनारे पहुंचने पर जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। सेना के जवान बुजुर्ग पुजारी को उठाकर किनारे तक ले आए। ऑपरेशन में सेना के जवानों ने चार महिलाओं, दो बच्चों और छह पुरुषों को सुरक्षित निकाला।

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