नागालैंड में तैनात सेना का सिपाही 3 सहयोगियों समेत ठगी के आरोप में गिरफ्तार

39

लखनऊ। शनिवार को यूपी एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स की संयुक्त कार्रवाई में भारतीय सेना में उच्चाधिकारी बनकर नौकरी के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले भारतीय सेना में नियुक्त सिपाही व भूतपुर्व सैनिक सहित, गिरोह के चार अभियुक्त कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। इतना ही नहीं, आरोपी सिपाही खुद को मेजर बताकर लोगों को झांसे में लेते थे। 10 लाख में नौकरी लगवाने का दावा करता थे। यहां तक की फर्जी भर्ती प्रक्रिया भी करवाता थे। इसके बाद रुपए लेकर फरार हो जाता थे।

दरअसल, मिलेट्री इंटेलीजेंस को सिपाही राम बरन सिंह के ठगी का गिरोह चलाने की जानकारी मिली थी। जांच के दौरान पता चला कि रामबरन गाजीपुर के रहने वाले अमित कुमार सिंह, उन्नाव के शुभम और इटावा के दिनेश कुमार यादव के साथ ठगी का गिरोह चला रहा है। गैंग में शामिल पूर्व सिपाही खुद को लेफ्टिनेंट कर्नल बताता था। जबकि शुभम पटेल उर्फ कुणाल खुद को भारतीय सेना का कमांडो बताता था। ये सभी लेफ्टिनेंट कर्नल और मेजर की वर्दी पहन कर बेरोजगार युवकों से लाखों की रकम वसूलते थे। आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए मिलेट्री इंटेलीजेंस ने यूपी एसटीएफ की मदद ली।

अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि 4 फरवरी 2023 को भारतीय सेना में सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य गोवर्धन इन्कलेव, थाना पीजीआई कमिश्नरेट लखनऊ आने वाले हैं। इस सूचना पर एसटीएफ व लखनऊ मिलिट्री इन्टेलीजेन्स की संयुक्त टीम कार्यवाही हेतु, मुखबिर को साथ लेकर उसके बताये गये स्थान पर आवश्यक घेराबन्दी की। अभियुक्तों के आने पर मुखबिर की निशादेही पर चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।

सेना में भर्ती के नाम लेते थे 8 से 10 लाख

गिरफ्तार अभियुक्त शुभम पेटल ने पूछताछ मे बताया कि बेरोजगार युवकों को सेना में भर्ती कराने के नाम पर प्रत्येक युवक से आठ से दस लाख रूपये लिये जाते हैं साथ ही उनसे उनके शैक्षिक, जाति, निवास प्रमाण-पत्रों आदि कि मूल कॉपी रख लेते थे। इन युवकों को दिलीप अपने सम्पर्कों के माध्यम से शुभम के पास फर्जी भर्ती प्रक्रिया हेतु भेजता था।

खुद को सेना का अधिकारी बताते थे आरोपी

पास आये हुए युवकों को शुभम खुद को आर्मी का कमाण्डों, अमित सिंह खुद को लेफ्टीनेंट कर्नल व रामबरन यादव को मेजर या डिप्टी कामाण्डेन्ट के पद पर बताया जाता था। युवको को भरोसे मे लेकर उनकी फर्जी भर्ती प्रक्रिया की जाती है। भर्ती प्रक्रिया से प्राप्त धन ये लोग आपस में बांट लेते हैं। आज भी ये लोग तैयार होकर अपनी गाड़ी से फर्जी प्रपत्र तैयार कर पैसे की लालच मे अमित सिंह के साथ अपने गोवर्धन इन्कलेव स्थित आवास से आर्मी के अधिकारी की वर्दी धारण कर बच्चों की फर्जी भर्ती प्रक्रिया कराने व मेडिकल आदि कराने जा रहे थे।

तैयार करवाते थे आर्मी के फर्जी दस्तावेज

गिरफ्तार अभियुक्त दिनेश ने पूछताछ में बताया कि दिलीप नामक व्यक्ति जो कि रिश्ते मे मेरा मामा लगता है उसने ही शुभम पटेल व रामबरन सिंह से मेरी बातचीत मुलाकात करायी थी। इन लोगों के साथ मिलकर वह बेरोजगार युवकों को आर्मी में भर्ती करवाने के नाम पर धनअर्जित कर युवकों को फर्जी प्रपत्र देकर गुमराह करता था। इस काम के एवज में ये लोग दिनेश को प्रति युवक 15 से 20 हजार रूपए हिस्सा देते हैं। आर्मी के फर्जी दस्तावेज इन लोगों को दिलीप व राम बरन सिंह उपलब्ध कराते हैं।

सेना का सिपाही भी गिरोह का सदस्य

गिरफ्तार अभियुक्त रामबरन सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह सेना में 2015 से भर्ती है। वर्तमान में नागालैण्ड में सिपाही के पद पर कार्यरत है। 45 दिन के छुट्टी पर आया था। शुभम पटेल, दिनेश यादव, दिलीप यादव व चल रही फर्जी भर्ती प्रक्रिया के बारे में पूछने पर बताया कि उसके मित्र दिलीप यादव पुत्र रोजीराम निवासी सहायपुर, जनपद फिरोजाबाद ने आगरा में मुलाकात शुभम पटेल से करवायी थी और बताया था कि एसएससी-जीडी, पुलिस, रेलवे, सेना में बेरोजगार युवकों को भर्ती के नाम पर धोखा देकर मोटा पैसा कमाते हैं। उसने ही रामबरन को पद व वर्दी का फायदा उठाकर साथ देने के लिए राजी करवाया। इसके पश्चात ये लोग शुभम पटेल के लखनऊ स्थित आवास पर फर्जी भर्ती प्रक्रिया को संचालित करते हैं, जहां पर फर्जी दस्तावेज बनाते थे।

सिपाही होने के नाते सेना के कागज चुराना आसान था

फर्जी दस्तावेजों के फॉर्मेट, फर्जी आईडी कार्ड मेरे द्वारा सेना में चोरी से प्राप्त करना आसान था। इसके लिये प्रति युवक से 60 हजार रूपए प्राप्त होते हैं, इसी क्रम में रामबरन, शुभम पटेल व अमित सिंह के द्वारा दिनांक 2 फरवरी 2023 को कुछ युवकों का फर्जी मेडिकल कार्यक्रम किया गया था उक्त गतिविधि में युवकों के समाने खुद को आर्मी का मेजर दिखाकर रौब जताता था।

अमित कुमार ने सेना में की थी 16 साल की नौकरी

गिरफ्तार अभियुक्त अमित कुमार सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसने सेना मे 16 वर्ष नौकरी करने के उपरान्त नवम्बर 2021 मे सेवानिवृत्त हो गया था। सेवानिवृत्त होने के उपरान्त मेरी मुलाकात रामप्रकाश नामक व्यक्ति से हुई, जिसने मुझे बच्चों को सेना में भर्ती करवाने का लालच दिया। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में प्रकाश में आये गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना पीजीआई कमिश्नरेट लखनऊ में पंजीकृत कराया गया है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान