Monday, March 31, 2025
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अनूपपुर: माघ पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई नर्मदा में आस्था की डुबकी, किया दीपदान

 

अनूपपुर : माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर रविवार को पवित्र नगरी अमरकंटक के नर्मदा तीर्थकोटि कुंड व रामघाट में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर दीपदान कर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। इस दौरान मां नर्मदा के स्नान घाट व नर्मदा उदगम मंदिर परिसर नर्मदे हर के जयकारों से गुंजायमान रहा।

मां नर्मदा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गरीब बेसहारा ब्राह्मणों को तिल, गुड़, कंबल और वस्त्र दान किए। माघी पूर्णिमा पर नर्मदा में स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु अमरकंटक आते हैं। पूर्णिमा के इस अवसर पर अमरकंटक के विभिन्न आश्रमों, मंदिरों, मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर भी प्रसाद का आयोजन किया गया, जहां लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। माघी पूर्णिमा में स्नान का महत्व – इस मास का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है।

जो लोग इस महीने में ठंडे पानी में डुबकी लगाते हैं, वे पाप से मुक्त हो जाते हैं। माघ मास या माघ पूर्णिमा पर संगम स्नान का बड़ा महत्व है। संगम नहीं तो गंगा, गोदावरी, कावेरी, नर्मदा, कृष्णा, क्षिप्रा, सिंधु, सरस्वती, ब्रह्मपुत्र आदि पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। नर्मदा मंदिर के मुख्य पुजारी धनेश द्विवेदी (वंदे महाराज) ने बताया कि इस महीने का माघ स्नान के लिए अत्यंत शुभ होता है। माघ मास की पूर्णिमा के दिन गंगा, नर्मदा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से अनंत लाभ मिलता है।

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इस महीने में किए गए दान से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है। इसी दिन जो लोग एक मास तक कल्पवास करते हैं, वह आज पूरा होता है। जो माता का आश्रय लेकर नर्मदा के तट पर स्नान करके नर्मदा जी के दर्शन करते हैं, वे धन, धान्य, लक्ष्मी, वैभव और सुख-शांति से अपना जीवन पूर्ण करके स्वयं को धन्य कर लेते हैं। शास्त्रों में तीन मास के स्नान का वर्णन मिलता है जिसमें पहला कार्तिक मास, दूसरा माघ मास और तीसरा वैशाख मास होता है। जो लोग माघ मास की पूर्णिमा के दिन स्नान करते हैं, उन्हें पूरे माह के स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है। इससे भगवान लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है और मनोवांछित मनोकामना पूर्ण होती है।

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