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गौ तस्करी मामलाः अणुव्रत मंडल को नहीं मिली जमानत, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा

कोलकाता: गौ तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम जिले के बाहुबली तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल को फिलहाल जेल में रही रहना होगा। शुक्रवार को एक बार फिर आसनसोल की विशेष सीबीआई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय एजेंसी के अधिवक्ता ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और ममता कैबिनेट में मंत्री फिरहाद हकीम के एक बयान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अणुव्रत मंडल बाघ हैं और जैसे ही वह बाहर निकलेंगे, उसके बाद जंगल में फिर हंगामा शुरू होगा। अधिवक्ता ने कहा कि मंडल काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्हें जमानत देने का मतलब है, साक्ष्यों को प्रभावित करना। इसलिए उन्हें किसी भी सूरत में जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

दूसरी ओर अणुव्रत के अधिवक्ता ने कहा कि अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि अणुव्रत मंडल मवेशी तस्करी मामले में शामिल थे। अब रुपये के लेनदेन की जांच होने लगी है और मवेशी तस्करी का मामला पीछे चला गया है। केंद्रीय एजेंसी के दावे से विपरीत काम हो रहा है, इसलिए उन्हें जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है। मंडल के अधिवक्ता ने कहा कि पिछले 92 दिनों से वह जेल में हैं। उनकी सेहत भी ठीक नहीं रह रही है इसलिये उन्हें जमानत दी जाए।

दूसरी तरफ सीबीआई के अधिवक्ता कालीचरण मिश्र ने कहा कि इस मामले में जो लोग गवाह हैं, उन्हें लगातार धमकियां मिल रही है। सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री कहते हैं कि अणुव्रत मंडल बाघ हैं। ऐसे में उन्हें जमानत बिल्कुल नहीं मिलनी चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उन्हें अगले 14 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया।