दिखावा साबित हो रही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स

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लखनऊः मादक पदार्थों की अवैध बिक्री, तस्करी व भंडारण के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पिछले साल एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया था। यूपी के पुलिस महानिदेशक के निर्देशन में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को क्रियाशील करते हुए 05 आपरेशनल यूनिट व 03 थानों का सृजन किया गया लेकिन महज चार माह के कार्यकाल में ही एएनटीएफ के अस्तित्व पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन 23 अगस्त 2022 को किया गया था और इसका मुख्यालय गोमतीनगर विस्तार में बनया गया। इस फोर्स को लीड करने के लिए 2006 बैच के आईपीएस अब्दुल हमीद को डीआईजी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाया गया था। महज कुछ दिनों के बाद 01 एडीशनल एसपी व 06 डिप्टी एसपी की भी तैनाती कर दी गई। इसमें 02 को मुख्यालय व 04 को जिलों में भेजा गया। उस वक्त शासन-प्रशासन की ओर से बढ़-चढ़कर दावे किए गए कि एएनटीएफ यूपी से नशे के धंधे का समूल नाश करेगी।

डार्क वेब के जरिए हो रहे ड्रग्स व्यापार के नेक्सस को खत्म करने के साथ ही पड़ोसी देशों से होने वाली मादक पदार्थों की तस्करी में भी यह टास्क फोर्स लगाम लगाएगी लेकिन बीते 04 महीनों में सिर्फ एएनटीएफ मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती ही दिखाई दे रही है। एएनटीएफ ने अब तक कुल 2.185 किग्रा अवैध स्मैक, 3.900 किग्रा अवैध अफीम, 2.700 किग्रा अवैध चरस, 20 किग्रा गांजा (कुल अनुमानित अंतर्राष्ट्रीय मूल्य लगभग 03 करोड़ 30 लाख रूपए) अभियुक्तों द्वारा विभिन्न अपराधों में प्रयुक्त 05 वाहन, 07 मोबाइल फोन, 01 अदद अवैध पिस्टल .32 बोर, 09 अदद जिंदा कारतूस .32 बोर, एक अदद डिजिटल तराजू की बरामदगी की गई है तथा 10 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। इस एजेंसी के लिए अधिकारियों की एक लम्बी फौज तैनात की गई है, वहीं सर्विलांस सेल को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने का भी दावा किया गया है, बावजूद इसके अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।

ज्यादा प्रभावी रही यूपी पुलिस व एसटीएफ कार्रवाई

बीते साल यूपी पुलिस ने कई नशे के कारोबार के विरूद्ध बड़ी कार्रवाईयों को अंजाम दिया है। यूपी पुलिस ने बीते साल 11,847 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 75361.8 किलो अवैध गांजा, 25.7 किलो हिरोइन, 27.18 किलो मारफीन, 735.06 किलो चरस, 398.8 किलो अफीम, 98.29 अवैध स्मैक व 1.9 किलो कोकीन की बरामदगी की है। एसटीएफ ने भी उक्त अवधि में 209.875 किलोग्राम चरस, 19112.65 किलोग्राम गांजा, 970.4 किलोग्राम डोडा-पोस्ता, 706.692 किलोग्राम स्मैक, 66.004 किलोग्राम अफीम, 0.76 किलोग्राम मारफीन व 3.59 किलोग्राम हेरोइन बरामद की है।

पांच माह बाद भी संसाधनों का टोटा

सूत्रों के मुताबिक, तमाम दावों के बाद भी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स जरूरी संसाधनों के लिए शासन का मुंह देख रही है। पांच ऑपरेशन यूनिटों और तीन थानों के लिए अभी जहां पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, वहीं तीन अन्य ऑपरेशनल यूनिटें भी प्रस्तावित हैं। इसी के साथ मादक पदार्थों से होने वाले दुष्प्रभाव के सम्बंध में जनजागरूकता एवं प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की कार्य कुशलता एवं व्यावसायिक दक्षता में और वृद्धि के लिए विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रशिक्षण भी जा रहा कराया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में मादक पदार्थों पर अंकुश लगाने में प्रभावी हो सकेगा।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान

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