नई दिल्लीः दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू नेशनल यूनिवर्सिटी (JNU) परिसर की दीवारों पर विवादित स्लोगन दिखे जाने पर बवाल मच गया है। JNU परिसर की कई दीवारों पर 1 दिसम्बर को ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ आपत्तिनजक नारे लिखे देखे गए जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। वहीं मामले को बढ़ता देख पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है । जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
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दरअसल शिकायतकर्ता ने पुलिस से भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और बी, 505, 506 और 34 के तहत “अज्ञात व्यक्तियों” के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विनीत जिंदल के अनुसार, गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय भवन की दीवारों पर ‘बनिया’ और ‘ब्राह्मण’ के खिलाफ जातिसूचक नारे लिखे गए थे। ये नारें नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, प्रवेश कुमार और वंदना मिश्रा सहित कई ब्राह्मण प्रोफेसरों के कक्षों की दीवार पर नारे थे, “ब्राह्मण-बनिया, हम आपके लिए आ रहे हैं, हम आपसे बदला लेंगे, ब्राह्मण परिसर छोड़ दें, ब्राह्मण भारत छोड़ दें, अब खून होगा, शाखा में वापस जाओ”।
एडवोकेट जिंदल ने कहा कि नारे केवल ब्राह्मण छात्रों और शिक्षकों को निशाना बनाने तक सीमित नहीं हैं बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी देते हैं। इस बीच, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है और परिसर को विकृत करने के लिए “अज्ञात तत्वों” को जिम्मेदार ठहराया है।
इस बीच प्रशासन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रीवेंस कमेटी को मामले की जांच कर जल्द से जल्द वाइस चांसलर संतश्री डी पंडितको रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। साथ ही, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी टीचर्स फोरम ने कहा कि “यह घटना सूक्ष्म हिंसा का काम है और शिक्षकों की राजनीतिक स्वतंत्रता पर भी हमला है। घटना यूनिवर्सिटी परिसर में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को भी दर्शाती है जो दिन पर दिन और बिगड़ती जा रही है।
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