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बिक्रम मजीठिया को लगा एक और झटका, न्यायिक हिरासत 22 मार्च तक बढ़ी

मजीठिया

चंडीगढ़ः शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया दस मार्च को घोषित होने वाले चुनाव परिणाम में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। मोहाली की अदालत ने उन्हें दोबारा 22 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव की वजह से बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी तक रोक लगा रखी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए बिक्रम सिंह मजीठिया ने 24 फरवरी को मोहाली की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। 24 फरवरी को मोहाली कोर्ट ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 8 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

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वहीं न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद मजीठिया को आज मोहाली की अदालत में पेश किया गया। जहां उनके वकीलों ने चुनाव परिणाम घोषित होने का हवाला देकर जमानत दिए जाने की अपील की लेकिन अदालत ने इस अपील को खारिज करते हुए मजीठिया को 22 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में मजीठिया ने अपने पुराने अंदाज में कहा कि वह चढ़दीकला में हैं। उन्होंने चुनाव परिणाम से पहले आए एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि अकाली दल पंजाब में फिर से सरकार बनाने जा रहा है। पंजाब में एग्जिट पोल हमेशा फेल होते रहे हैं।

बता दें कि ड्रग्स केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मजीठिया ने पंजाब में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद मोहाली की अदालत में सरेंडर किया था। उसके बाद से वह पटियाला जेल में हैं। बिक्रमजीत सिंह मजीठिया अमृतसर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि उनकी पत्नी गनीव कौर पुराने विधानसभा क्षेत्र मजीठा से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं एग्जिट पोल के नतीजों में शिरोमणि अकाली दल को तगड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है। अधिकतर एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल को पंजाब में 10 से 20 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि शिरोमणि अकाली दल की ओर से एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज कर दिया गया है।

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