Mumbai News : मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) में भक्तों के लिए आज से ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत, स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
भक्तों ने किया फैसले का स्वागत
सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) प्रशासन के फैसले का भक्तों ने स्वागत किया है। गुरुवार सुबह मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों ने कहा कि यह एक अच्छा फैसला है। मंदिर में दर्शन करने आईं श्रद्धालु ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, मैं मंदिर प्रशासन के फैसले का समर्थन करती हूं। अगर हम हिंदू संस्कृति का पालन करते हैं, तो देवी-देवताओं का भी सम्मान करना चाहिए। ड्रेस कोड की व्यवस्था गुरुद्वारे, दरगाह और चर्च में पहले से बनी हुई है। अगर कोई शख्स गुरुद्वारे जाता है, तो बिना सिर ढके अंदर नहीं जा सकता। चर्च और दरगाह में जाने पर नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है। ऐसी ही व्यवस्था हिंदू मंदिरों में भी होनी चाहिए। मैं मंदिर प्रशासन के फैसले के साथ हूं। मैं सभी से अपील करूंगी कि, वे भारतीय संस्कृति से जुड़े वस्त्र पहनकर ही मंदिर में दर्शन करने के लिए आएं।
श्रद्धालु जयश्री देसाई ने कहा कि, आज के समय में मंदिर में ड्रेस कोड की व्यवस्था लागू करना बहुत ही जरूरी है। युवाओं में दूसरे वस्त्रों को लेकर काफी क्रेज बढ़ा है। इसलिए मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला सही है।
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मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने की मीडिया से बातचीत
बता दें, इससे पहले सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में ड्रेस कोड को लागू करने की वजह बताई थी। उन्होंने कहा था, “मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सनातनी और गणेश भक्तों के आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के जीवन की मनोरथ पूरी होती है। लेकिन, जब लोग किसी पवित्र स्थल पर जाते हैं, तो वहां कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि उस स्थान की पवित्रता बनी रहे। यह निर्णय मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के सुझावों के आधार पर लिया गया है। कई भक्तों ने मंदिर में दर्शन करने के दौरान कुछ श्रद्धालुओं के पहनावे को लेकर चिंता व्यक्त की थी।”