वाराणसीः रामनगरी अयोध्या (ayodhya) में विवादित ढांचा विध्वंस की 31वीं बरसी पर बुधवार को दालमंडी, नई सड़क और सराय हड़हा की दुकानें बंद रहीं। इस संवेदनशील मुस्लिम बहुल इलाके में दुकानें बंद करने की तख्तियां सुबह से ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं। मंगलवार की रात ही इन इलाकों की दुकानों पर काला दिवस मनाने और छह दिसंबर को बंद के नारे लिखी तख्तियां लगा दी गयीं। दुकानें बंद रहने से भीड़भाड़ वाले इलाके में सन्नाटा पसरा रहा।
कार्यकर्ताओं ने लगाए नारे
पुलिस बल ने भी शहर के संवेदनशील इलाकों में चौकसी बरतते हुए सड़कों पर गश्त की। उधर, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कोदई चौकी पर राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों, ज्ञात-अज्ञात लोगों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मोर्चा के काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष अनूप जयसवाल ने बताया कि शौर्य दिवस मनाने के क्रम में कार्यकर्ताओं ने भगवान राम के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद विहिप के शिखर पुरुष अशोक सिंघल, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और कोठारी बंधुओं के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीपक जलाया। कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम, अशोक सिंघल, कल्याण सिंह अमर रहे के नारे भी लगाये। हमने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का भी आभार व्यक्त किया। इसमें ओमप्रकाश यादव बाबू, धीरेंद्र शर्मा, आदित्य गोयनका, मनीष चौरसिया, चंदन सिंह, अमित आदि कार्यकर्ता शामिल थे।
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गौरतलब है कि 06 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिरा दिया था। इसको लेकर अयोध्या समेत पूरे देश में काफी देर तक तनाव रहा। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से इस ऐतिहासिक विवाद का अंत कर दिया। अब अयोध्या में रामलला की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर में उनकी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है। 22 जनवरी को होगी मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अयोध्या भी अब अतीत की कड़वाहट भुलाकर आगे बढ़ चुकी है।
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