फतेहाबाद: अपनी मांगों को लेकर आंगनवाड़ी वर्करों एवं हेल्पर्स ने गुरुवार को दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखते हुए उपायुक्त कार्यालय पर धरना दिया। इस दौरान आंगनवाड़ी वर्करों एवं हैल्परों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
धरने में जाखल, फतेहाबाद व भट्टू से सैंकड़ों की संख्या में आंगनवाड़ी वर्करों एवं हैल्परों ने भाग लिया। आज धरने की अध्यक्षता आंगनवाड़ी वर्कर एवं हैल्पर यूनियन की जिला प्रधान सुनीता झलनियां ने की हीं धरने को सीटू नेता बेगराज, माया खाबड़ा कलां, माया पूनियां भट्टू, अनिता जाखल, दमयंती धारनियां, मंजूला, सुदेश भट्टू, सुलोचना गाजूवाला, मलकीत कौर, अनिता इत्यादि ने भी संबोधित किया।
धरने को संबोधित करते हुए आंगनवाड़ी यूनियन की नेताओं ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने जान की परवाह न करते हुए काम किया लेकिन प्रदेश सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है। प्रदेश सरकार के खिलाफ बेटियों को अपना हक लेने के लिए सड़कों पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।
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आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने व तब तक न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये लागू करने के साथ-साथ उन्होंने आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति लागू करने, आंगनवाड़ी केन्द्रों का बढ़ा किराया देने, वर्कर्स एवं हैल्पर्स को किसी भी विभागीय ट्रेनिंग या मीटिंग में बुलाने पर टीए व डीए देने, दुर्घटना होने पर ईलाज का पूरा खर्च व मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर 3 लाख रुपये मुआवजा देने, वर्दी की राशि बढ़ाने व कम से कम 1600 रुपये देने, नई शिक्षा नीति वापस लेने, प्ले वे स्कूल के नाम पर आईसीडीएस का निजीकरण न करने, आईसीडीएस में किसी एनजीओ या प्राइवेट संस्था को शामिल न करने, खाली पदों को भरने, फतेहाबाद, कैथल सहित प्रदेश में अन्य जगह आंदोलन के दौरान आंगनवाड़ी कर्मियों पर बनाए गए रोड जाम के मुकदमें निरस्त करने, वर्कर्स व हैल्पर्स को ईएसआई व पीएफ के तहत कवर कर इनके खाते खुलवाने की मांग की है।
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