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Haryana: 4000 आंगनबाड़ी केंद्रों को बनाया जाएगा प्ले स्कूल, सीएम करेंगे शुभारंभ

फतेहाबादः हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार प्रदेश भर के 4000 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में क्रियांवित करने का शुभारंभ करेगी। इसमें फतेहाबाद जिले के 234 आंगनबाड़ी केंद्रों से स्थानांतरित हुए प्ले स्कूल भी शामिल हैं। इन प्ले स्कूलों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूर्व स्कूली शिक्षा प्रदान की जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अब हरियाणा में पहली कक्षा से पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री स्कूल में बदला जाएगा, जिसमें बच्चों की योग्यता और रुचियों को ध्यान में रखते हुए उनको शिक्षा प्रदान की जाएगी।

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बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार किया जाएगा, जिसमें बच्चे के महत्वपूर्ण विकासों को ध्यान में रख कर बच्चों को गतिविधियों तथा खेल के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। जैसे शारीरिक विकास के लिए बटन लगाना, चुटकी बजाना, ताली बजाना, क्ले से खेलना, कागज फाड़ना आदि है। इससे बच्चे की सूक्ष्म मासपेशियों का विकास होता है। रस्सी कूदना, उछलना, रस्सी पर चलना, सीढ़िया चढ़ना व उतरना, हल्का व्यायाम करना इससे स्थूल मासपेशियों का विकास होता है। वर्गीकरण करना, आकार बताना, छोटा-बड़ा बताना, मिलान करना, स्वाद बताना, खुशबू पहचान करना आदि से बौद्धिक विकास होगा।

उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी में आकर अपनी अध्यापिका का अभिनन्दन करना, प्रार्थना करना, एक साथ खेलना, अपनी बारी का इंतजार करना आदि से सामाजिक विकास होगा। कहानी सुनना, बाल गीत, गपशप, स्वतंत्र वार्ता आदि से भाषा का विकास होगा। क्ले से खेलना, रंग भरना, ड्राइंग करना, ब्लॉक्स के साथ खेलने से शारीरिक, बौद्धिक और रचनात्मक विकास होगा। इस प्रकार खेल-खेल में और गतिविधियों के माध्यम से बच्चे को स्कूल जाने से पहले कैसे तैयार करना है, यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग के दौरान सिखाया गया है। इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा।

उन्होंने फतेहाबाद के सभी निवासियों से अनुरोध किया कि अपने 3 से 6 वर्ष के बच्चों का आंगनबाड़ी प्ले स्कूल में निशुल्क दाखिला करवाएं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिली थी। इससे पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य नहीं थी। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पहली कक्षा से पहले अब पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करना अनिवार्य होगा।

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