Amritpal Singh: देशद्रोह के आरोप में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल के 7 साथियों पर लगा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) हटाया जाएगा। अब उन्हें सामान्य कैदियों की तरह पंजाब की जेल में शिफ्ट किया जाएगा। सोमवार से पंजाब सरकार इन चरमपंथियों को पंजाब वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
अमृतपाल के साथियों से हटेगा NSA
पंजाब सरकार ने चरमपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के सात साथियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जारी रखने से इनकार कर दिया है। अमृतपाल सिंह और उनके साथी पप्पलप्रीत सिंह अभी डिब्रूगढ़ जेल में ही रहेंगे, क्योंकि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे उनके एनएसए की अगली सुनवाई 22 मार्च को होनी है, जिसके बाद सरकार आगे का फैसला लेगी।
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अमृतपाल के साथ साथियों को लगाया जाएगा पंजाब
दरअसल, साल 2023 में हुए अजनाला थाना हमले के मामले में पंजाब पुलिस बड़ी कार्यवाही करने के मूड में है। अमृतपाल के साथी फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं, उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाया जाएगा। पंजाब पुलिस बाकी सभी सातों को डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाकर राज्य के थानों में दर्ज सभी मामलों में कार्रवाई करेगी।
अमृतपाल सिंह से पहले उसके आठ साथियों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया था। इनमें अमृतपाल सिंह के अलावा पप्पलप्रीत सिंह, भगवंत सिंह उर्फ ’प्रधानमंत्री’ बाजेके, दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, जीत सिंह, हरजीत सिंह, विक्रमजीत सिंह शामिल हैं। इनमें से सात आरोपियों को पंजाब लाया जाएगा।