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रवि योग में मनाई जाएगी आंवला नवमी, दान और पूजन करने से मिलेगा अक्षय फल

नई दिल्लीः कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी, अक्षय नवमी के नाम से जाना जाता है। इसे एक पर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस पर्व पर पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ पूजा करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है। इस बार अक्षय नवमी 2 नवंबर दिन बुधवार पर मानस, मित्र, रवि योग रहेगा।

इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर पेड़ की जड़ में दूध चढ़ाना फलदाई माना जाता है। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग का आरंभ इसी दिन हुआ था। इस दिन दान व्रत व भगवान विष्णु का स्वरूप आंवला वृक्ष की पूजा करने से एवं इस वृक्ष के नीचे ब्राह्मण भोजन कराना अथवा स्वयं भोजन करने से जन्म जन्मांतर का पुण्य फल प्राप्त होता है।

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इन पर पड़ेगा प्रभाव
विष्णु पुराण में आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु और शिव का वास रहता है। वहीं जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह पीड़ित है अथवा सूर्य कमजोर है या फिर सूर्य शत्रु राशि में है। वह जातक इस दिन से आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु को 10 दिन तक घी का दीपक लगाते हैं। तो उन्हें जल्दी ही इस प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है।

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